भारतPosted at: Feb 11 2019 6:26PM “अल्पसंख्यक” शब्द परिभाषित करे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग: उच्चतम न्यायालय
नयी दिल्ली, 11 फरवरी (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को तीन महीने के भीतर नए सिरे से ‘अल्पसंख्यक’ शब्द परिभाषित करने को कहा है।
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके, इसलिए शीर्ष अदालत ने एनसीएम से “अल्पसंख्यक” शब्द को परिभाषित करने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को अल्पसंख्यक आयोग के सामने दोबारा अपने प्रतिवेदन को दाखिल करने के लिए कहा है ताकि तीन माह के भीतर एनसीएम इस संबंध में फैसला ले सके।
भाजपा नेता ने उच्चतम न्यायालय से अल्पसंख्यकों को परिभाषित करने और राज्य स्तर पर उनकी पहचान के लिए दिशा- निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
श्री उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में हिन्दुओं की संख्या मात्र दो से आठ प्रतिशत ही है। इसके बावजूद उन्हें बहुसंख्यकों की श्रेणी में गिना जाता है जबकि ईसाइयों की संख्या 80 से 90 प्रतिशत तक है जिन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा मिला हुआ है और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिलता है।
न्यायालय इस मामले में अगली सुनवाई 90 दिनों के बाद करेगा।
रवि.श्रवण
वार्ता