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भारत


शिक्षा के व्यवसायीकरण के खिलाफ रैली

नयी दिल्ली, 18 फरवरी (वार्ता) शिक्षा के व्यवसायीकरण एवं साम्प्रदायिककरण के खिलाफ यहाँ सोमवार को संसद मार्ग पर ‘हुंकार’ रैली निकाली गयी जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग आैर शिक्षाविद शामिल हुए।
आल इंडिया फोरम फॉर राइट टू एजूकेशन की ओर से आयोजित इस रैली में शामिल लोग ‘सबको शिक्षा एक समान-मांग रहा हिन्दुस्तान’ तथा ‘शिक्षा नहीं कारोबार है, यह जनता का अधिकार’ जैसे नारे लगा रहे थे।
फोरम की यहाँ जारी विज्ञप्ति के अनुसार माकपा नेता वृंदा करात, भाकपा नेता डी. राजा, भाकपा (माले) की कविता कृष्णन, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा आदि ने भाग लिया। इसके अलावा प्रमुख शिक्षाविद अनिल सदगोपाल और अशोक अग्रवाल ने भी भाग लिया।
विज्ञप्ति के अनुसार रैली, धरना-प्रदर्शन अादि के बाद जन संसद आयोजित की गयी। इसका प्रमुख पत्रकार रवीश कुमार ने उद्घाटन किया जिसकी अध्यक्षता प्रमुख अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक ने की। शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ एक जन सर्वेक्षण भी शुरू किया गया। वक्ताओं ने 13 अंकों वाली रोस्टर प्रणाली खत्म कर दो सौ अंक वाली रोस्टर प्रणाली लागू करने के कदम उठाने की भी सरकार से मांग की।
अरविन्द.श्रवण
वार्ता
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