भारतPosted at: Feb 19 2019 10:27PM मिड डे मिल योजना में अतिरिक्त राशि का आवंटन
नयी दिल्ली 19 फरवरी (वार्ता) सरकार ने मिड डे मिल की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है और इसके लिए बारह हज़ार 51 करोड़ रुपए अतिरिक्त बजट को मंजूरी दी है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति ने मंगलवार को यह मंजूरी दी। प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस समिति की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी।
बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पत्रकारों को बताया कि मिड डे मिल के खर्चे को मुद्रास्फीति से जोड़ा गया है और इसकी सुविधाओं में वृद्धि कर वर्ष 2019-20 के लिए बजट को 12 हज़ार 51 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है जो आठ हज़ार की मिल रही सब्सिडी के अतिरिक्त है। मिड डे मिल की व्यवस्था में मन्दिरों, गुरुद्वारों और जेलों से जुड़े एवं समुदाय के लोगों को भी भागीदार बनाने का सुझाव दिया गया है।
उन्होंने बताया कि मिड डे मिल का कुकिंग खर्च प्रति छात्र/ स्कूल चार रुपये 35 पैसे से लेकर 6.51 रुपये तक बढ़ाया गया है। इस पर कुल 361 करोड़ रुपये खर्च आयेंगे। उन्होंने बताया कि रसोई के उपकरणों के लिए प्रत्येक स्कूल की राशि पांच हज़ार से बढाकर दस से 25 हज़ार तक कर दी गयी है और यह स्कूल में छात्रों की संख्या पर निर्भर होगा। दस साल से अधिक पुराने रसोई के मरम्मत के लिए दस हज़ार दिए जायेंगे। खाद्य सामग्री की सुरक्षित रख रखाव के लिए 50 करोड़ आवंटित किये गये हैं। इसके अलावा परिवहंन खर्च प्रति क्विंटल 75 रुपये से बढाकर पीडीएस रेट पर किया गया है जो अधिकतम 150 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
उन्होंने बताया कि इस वृद्धि से मिड डे मिल व्यस्था प्रभावी और कारगर होगी। उन्होंने कहा कि मिड डे मिल के मूल्यांकन और निगरानी को दो प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके अलावा तिथि भोजन को प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि समुदाय के लोग शादी विवाह जन्मदिन आदि पर सामूहिक भोजन का उत्सव हो। इसके अलावा कुकिंग प्रतियोगिता भी शुरू होगी।
फिलहाल देश के बारह करोड़ बच्चों को मिड डे मिल की सुविधा है और सरकार सत्रह हज़ार 600 करोड़ से अधिक खर्च करती है।
अरविन्द.संजय
वार्ता