नयी दिल्ली, 04 अप्रैल (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने जाने-माने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई जुलाई के लिए मुल्तवी कर दी है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने गुरुवार को होने वाली सुनवाई उस वक्त टाल दी, जब उसे यह अवगत कराया गया कि श्री वेणुगोपाल और श्री भूषण संविधान पीठ के समक्ष चल रही सुनवाई में व्यस्त हैं।
दरअसल, श्री भूषण ने अपने एक ट्वीट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख की नियुक्ति पर उच्चस्तरीय चयन पैनल की ओर से शीर्ष अदालत पेश किये गये दस्तावेजों को 'मनगढ़ंत' बताया था।
गत एक फरवरी को भूषण द्वारा किए गए इस ट्वीट के खिलाफ श्री वेणुगोपाल ने याचिका दायर की थी। गौरतलब है कि इससे पहले श्री भूषण ने गत सात मार्च को हुई सुनवाई के दौरान पीठ के सामने स्वीकार किया था कि उन्होंने ट्वीट करके गलती की थी, लेकिन न्यायमूर्ति मिश्रा ने मामले की सुनवाई से इनकार करने के लिए 'बिना शर्त माफी' देने से इन्कार कर दिया था।
श्री वेणुगोपाल ने हालांकि पीठ से कहा था कि वह अवमानना याचिका वापस लेना चाहते है क्योंकि श्री भूषण ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह श्री भूषण को कोई सजा नहीं दिलवाना चाहते हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि फिलहाल इस मुद्दे से निपटना चाहिए कि क्या वकील और पक्षकार जनता की राय प्रभावित करने के लिए अदालत की कार्यवाही की आलोचना कर सकते हैं? पीठ ने इस पर कहा कि इस मामले में याचिका वापस ली जा सकती है, लेकिन श्री वेणुगोपाल ने जो सवाल उठाये हैं उस पर न्यायालय अवश्य फैसला करेगा।
सुरेश टंडन
वार्ता