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भारत


कचरा प्रबंधन के लिए कोका कोला करेगा ठोस उपाय

नयी दिल्ली, 03 जून (वार्ता) कोका कोला इंडिया फाउंडेशन आनंदना ने कुछ गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर एकीकृत कचरा प्रबंधन प्रणाली स्थापना की घोषणा की है जिसके तहत कचरे को अलग-अलग करने के लिए ‘मटीरियल रिकवरी और सेग्रिगेशन’ की स्थापना की जाएगी।
आनंदना ने यहां जारी बयान में कहा कि साहस, चिंतन और हसीरु दला जैसे एनजीओ के साथ मिलकर कचरे को अलग-अलग करने के बारे में जागरुकता फैलाने की पहल की जाएगी। इससे कचरे के निपटारे संबंधी सोच में बदलाव आयेगा और प्राकृतिक परिवेश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
आनंदना इन एनजीओ के साथ मिलकर कचरे से ठोस पदार्थ एकत्र करने के लिए आधारभूत ढांचे की स्थापना करेगा जिसमें पीईटी और गीले कचरे से खाद बनाने की इकाई शामिल है। कचरा प्रबंधन के ये संयंत्र दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, चेन्नई, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में स्थापित किये जायेंगे।
कोका-कोला इंडिया एवं दक्षिण पश्चिम एशिया के उपाध्यक्ष (पब्लिक अफेयर्स एंड सस्टेनिबिलिटी) इश्तेयाक अहमद ने बताया कि 2025 तक भारत के शहरों में कचरा उत्पादन की दर दोगुने से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। वह सहयोगियों के साथ कचरा प्रबंधन की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था में शामिल अपने दम पर काम करने वाली संस्थाओं को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। यह साझेदारी कंपनी के विजन ‘वर्ल्ड विदआउट वेस्ट’ को साकार करने और 2030 तक अपने संयंत्रों में आने वाले पूरे कचरे की री-साइक्लिंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बनाई गयी है।
एनजीओ साहस की दिव्या तिवारी ने कहा कि कचरे के निपटाने की समस्या के हल के वह कोका-कोला से अपनी साझेदारी करके काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग रखने, संसाधनों की तलाश और रि-साइकिलिंग से कचरा निपटारे की समस्या हल होगी। कचरा प्रबंधन की प्रणाली में सुधार के लिए नये तरीके अपनाये जायेंगे।
एनजीओ चिंतन की संस्थापक एवं निदेशक भारती चतुर्वेदी ने कहा कि कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में विकास के लिए साझेदारी काफी महत्वपूर्ण है जिनमें कचरा बीनने वाले भी शामिल हैं। यह साझेदारी तेजी से बढ़ते कचरा प्रबंधन के संकट के समाधान के लिए काफी अहम है। यह परियोजना कूड़ा-कचरा बीनने वाले लोगों को घरों से कचरा एकत्र करने तक पहुंच उपलब्ध कराती है।
कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप हसीरू दला की सह-संस्थापक नलिनी शेखर ने बताया कि प्लास्टिक की रि-साइक्लिंग पर्यावरण की स्थिरता की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है। वह ‘प्लास्टिक वेस्ट’ के प्रबंधन की एकीकृत तकनीक के माध्यम से यह महती कार्य करने के लिए आनंदना के साथ सहयेाग करके काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा,
“इस क्षेत्र में कूड़ा-कचरा एकत्र करने वाले लोगों को व्यावसायिक पहचान देने के लिए हम मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम इस समूह के लोगों को वित्तीय लाभ और सामाजिक हितों के लिए मदद भी मुहैया करा रहे हैं।”
श्रवण.संजय
वार्ता
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