भारतPosted at: Sep 6 2019 4:49PM यूएपीए कानून पर विस्तृत जवाब के लिए सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस
नयी दिल्ली, 06 सितंबर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) संशोधन (यूएपीए) कानून 2019 को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को शुक्रवार को नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दोनों याचिकाओं पर विस्तृत जवाब मांगा है।
न्यायालय में दायर की गयी दो याचिकाओं में कहा गया है कि यूएपीए कानून अभिव्यक्ति की आजादी, गरिमा और असहमति के खिलाफ है। यह कानून केंद्र सरकार को किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने और उसकी संपति जब्त करने का अधिकार देता है।
याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय से इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने की अपील की है और कहा है कि इससे लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।
इनमें से एक याचिकाकर्ता सजल अवस्थी ने अपनी याचिका में इस कानून में हुए हालिया संशोधन के बाद सरकार को किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार मिल गया है जबकि यूएपीए 1967 के तहत केवल संगठनों को आतंकवादी घोषित किया जा सकता था।
यामिनी.श्रवण
वार्ता