नयी दिल्ली 16 जनवरी (वार्ता ) उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा) में पिता मुलायम सिंह यादव आैर उनके बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच चुनाव चिह्न को लेकर चली लड़ाई का घटनाक्रम इस प्रकार है - 12 सितंबर : इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अवैध खनन के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने के आदेश तीन दिन बाद अखिलेश ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे खनन मंत्री गायत्री प्रजापति आैर पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया । 13 सितंबर :मुलायम सिंह ने अखिलेश को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल यादव को नया अध्यक्ष बनाने की घोषणा की । अखिलेश ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अपने प्रभावशाली चाचा शिवपाल यादव से सभी मंत्रालय छीने । 15 सितंबर :शिवपाल यादव ने अध्यक्ष पद और कैबिनेट से इस्तीफा दिया । 16 सितंबर : मुलायम ने शिवपाल का इस्तीफा खारिज किया और कहा कि उनके जीते जी पार्टी में विभाजन नहीं हो सकता ।
20सितंबर : बताैर अध्यक्ष शिवपाल ने अखिलेश के सात समर्थकों को निष्कासित किया जिनमें विधान परिषद के तीन सदस्य और तीन युवा इकाइयों के प्रमुख शामिल थे । 22 अक्टूबर : सपा ने अखिलेश समर्थक एमएलसी उदयवीर सिंह को निष्कासित किया। उदयवीर ने अखिलेश का रास्ता साफ करने के लिए मुलायम को हटने के लिए पत्र लिखा था। 23 अक्टूबर : अखिलेश ने शिवपाल तथा तीन अन्य मंत्रियों को हटाया। 24 अक्टूबर :मुलायम में जवाब में रामगोपाल यादव को बर्खास्त किया। 25 अक्टूबर : मुलायम ने रामगोपाल की बर्खास्तगी वापस ली। 07 दिसंबर :मुलायम ने अमर सिंह को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाकर पार्टी में उनकी हैसियत बढायी । 25 दिसंबर :अखिलेश ने विधानसभा चुनाव के लिए मुलायम को अपने उम्मीदवारों की सूची साैंपी ।
28 दिसंबर :मुलायम ने 403 में से 325 उम्मीदवारों की घोषणा की । इसमें अखिलेश की सूची के कई प्रत्याशियों के नाम नदारद थे । 29 दिसंबर :अखिलेश ने 235 उम्मीदवारों की सूची जारी की । 30 दिसंबर : मुलायम ने अखिलेश आैर रामगोपाल को छह वर्षाें के लिए पार्टी से निष्कासित किया। इससे पहले रामगोपाल ने एक जनवरी को पार्टी के असाधारण आपात राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की थी। 31 दिसंबर :मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल की बर्खास्तगी वापस ली। इसके बावजूद रामगोपाल एक जनवरी को सम्मेलन के आयोजन पर अड़े रहे। एक जनवरी :रामगोपाल ने जनेश्वर पार्क में सुबह दस बजे सम्मेलन आहूत किया। सम्मेलन शुरू होने से चंद मिनट पहले मुलायम ने सम्मेलन को अवैध घोषित किया। सम्मेलन में अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया । अमर सिंह को निष्काासित किया गया आैर शिवपाल काे पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटाया गया। मुलायम अौर शिवपाल ने दिल्ली जाकर चुनाव आयोग से मुलाकात की। रामगोपाल टीम ने भी आयोग से मुलाकात की । तीन जनवरी : नरेश उत्तम ने राज्य इकाई के अघ्यक्ष पद का भार संभाला और शिवपाल समर्थकों का सफाया शुरू किया। 13 जनवरी :चुनाव आयाेग ने दोनों पक्षोंं की दलीलें सुनी और साइकिल चुनाव चिन्ह्न पर दोनों पक्षों के दावे पर फैसला सुरक्षित रखा। 16 जनवरी:चुनाव आयोग ने अखिलेश गुट को ‘साइकिल ’ चुनाव चिह्न आवंटित किया।