भारतPosted at: Feb 20 2017 7:17PM किशोर न खाएं जंक फूूड, होगा ऐसा इंतजाम
नयी दिल्ली,20 फरवरी(वार्ता) किशोरों को देश की आर्थिक समृद्धि का भविष्य मानते हुए सरकार ने कहा है कि वह जल्द ही ऐसा इंतजाम करेगी जिससे देश की इस भावी पीढ़ी की सेहत दुरुस्त रहे और वे जंक फूड खाने से बचें। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सी के मिश्रा ने आज मंत्रालय की ओर से किशाेरों के शारीरिक,मानसिक और कौशल विकास से जुड़ी समस्याओं के लिए सलाह और सुझाव सेवा के रूप में ‘साथिया किट’ और ‘साथिया ऐप’ जारी करने के मौके पर कहा कि देश में किशेार आबादी 26 करोड़ के करीब है। ये लोग देश का भविष्य हैं यदि भारत को स्वस्थ नागरिकों का देश बनाए रखना है तो जरुरी है कि देश की किशोर आबादी का स्वास्थ्य सही रहे, ऐसे में यह जरूरी है कि इनमें जंक फूड से परहेज करने और पौष्टिक तथा साफ खाना खाने की आदत डाली जाए। उन्हाेंने कहा कि किशाेरावस्था उम्र का एक ऐसा पड़ाव होती है जब बच्चे युवावस्था की दहलीज पर कदम रख रहे होते हैं। उनमें शारीरिक और मानिसक स्वास्थ्य में आ रहे बदलावों को लेकर कई तरह की उलझनें और सवाल होते हैं। आखिर कोई तो होना चाहिए जो उनके इस सवालों का दोस्ताना अंदाज में जवाब दे सके। इसके लिए ही यह साथिया किट लाया गया है। इसमें बच्चे अपने स्वास्थ्य सें संबंधित हर समस्या के बारे में जानकारी पा सकते हैं। सवाल पूछ सकते हैं, सुझाव ले सकते हैं। इसमें बच्चों को जंक फूड से परहेज करने की भी सलाह दी गई है क्योंकि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकार हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बाजार में बिकने वाले जंक फूड पर रोक लगाने की अभी कोई ठोस नीति तैयार नहीं हुई है लेकिन इस बारे में विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के समूह की ओर से कई तरह के सुझाव मिले हैं जिसमें इस तरह के खाद्य पदार्थों पर कर लगाने की बात भी कही गयी है। इन सुझावों पर स्वास्थ्य मंत्रालय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के साथ मिलकर विचार कर रहा है क्योंकि किसी भी तरह के खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने का अधिकार उसके पास ही है। मधूलिका.श्रवण वार्ता