नयी दिल्ली, 27 मार्च (वार्ता) हिंदी के प्रख्यात मार्क्सवादी आलोचक और प्रसिद्ध विद्वान डॉ नामवर सिंह को साहित्य अकादमी की महत्तर सदस्यता (फेलो) आज प्रदान की गई। साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने यहां एक समारोह में डॉ सिंह को फेलो सम्मान प्रदान किया। 92 वर्षीय डॉ सिंह को फेलो (महत्तर सदस्यता) बनाया जाना अकादमी का सर्वाेच्च सम्मान है। हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं के अधिकतम 21 लेखक अकादमी के फेलो बनाये जाते हैं। साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष के कृष्णराव ने बताया कि अकादमी के सामान्य परिषद की 22 फरवरी को हुई बैठक में डॉ सिंह को फैलोशिप प्रदान करने का निर्णय लिया गया था। डॉ सिंह ने हिंदी भाषा में बनारस हिंदु विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। वे हिंदी के प्रोफेसर और संपादक रहे हैं और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा केंद्र और कोलकाता के राजाराम मोहन राय फाउंडेशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार हिंदी अकादमी के सलाहकार सम्मान और हिंदुस्तानी एकेडमी पुरस्कारों सहित कई सम्मानों से नवाजा गया है। डॉ सिंह की प्रसिद्ध कृतियों में कबीर पर उनकी पुस्तक, दूसरी परम्परा की खोज में, हिंदी के विकास में अपभ्रंश का योग, कविता के नए प्रतिमान आदि शामिल हैं। श्री सिंह को 1974 में कविता के नये प्रतिमान के लिए साहित्य अकादमी कर पुरस्कार मिला था। वह महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी रह चुके हैं। इससे पहले प्रख्यात आलोचक डॉ रामविलास शर्मा, बाबा नागार्जुन, डॉ विद्यानिवास मिश्र और कृष्णा शोभति को भी यह सम्मान मिल चुका है। अजय.संजय. टंडन वार्ता