भारतPosted at: Mar 29 2017 11:06PM जीएसटी ने खत्म कर दी संसद की संप्रभुता: कांग्रेस
नयी दिल्ली, 29 मार्च (वार्ता) कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक के जरिए संसद की संप्रभुता पर हमला किया है और इस विधेयक में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे इस मामले में भविष्य के लिए संसद की भूमिका समाप्त हो गयी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी विधेयक में जिस तरह के प्रावधान किए गए हैं उसके कारण इस व्यवस्था में भविष्य के लिए संसद की भूमिका समाप्त हो गयी है। इस विधेयक के बहाने संसद की भूमिका पर हमला हुआ है और उसकी संप्रभुता का आज आखिरी दिन है। उन्होंने कहा कि विधेयक में कर व्यवस्था को लेकर सारे अधिकार जीएसटी परिषद को दिए गए हैं। जीएसटी परिषद में कुल 32 सदस्य हैं जिनमें 29 राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ ही केंद्र सरकार का प्रतिनिधि भी शामिल रहेगा। परिषद में सभी सदस्य राज्यों के वित्त मंत्री हैं। इस कर व्यवस्था में परिषद को महत्व दिया गया है। इसमें संसद की भूमिका को समाप्त कर दिया गया है और इसमें ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसमें संसद अपनी भूमिका निभा सके। श्री मोइली ने कहा कि जीएसटी विधेयक में कई बड़ी गलतियां हुई हैं। जीएसटी में कर के लिए जो उच्चतम दर तय की गयी है वह देश में उद्योगों और उपभोक्ताओं को नष्ट करने वाली है। उन्होंने कहा कि इसमें निवेशकों को उत्साहित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने का प्रयास ही नहीं किया गया है। यह विधेयक जटिल है तथा महंगाई को बढाने वाला है। उनका कहना था कि सरकार बार-बार इस विधेयक के पास होने पर ‘एक देश एक कर’ जैसे जुमले तैयार कर रही है लेकिन सच्चाई यह है कि इससे लोगों को लाभ मिलने के बजाए हानि ज्यादा होगी। अभिनव सोनू वार्ता