नयी दिल्ली 25 मई (वार्ता) चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड जिले में अतर विधानसभा सीट के उपचुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी की बात को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप)द्वारा 24 मई को लिखे उस पत्र के जवाब में यह बात कही है। पत्र में शिकायत की गयी थी कि अतर विधानसभा उपचुनाव में ईवीएम मशीनों में धांधली की गयी। आयोग ने आज अपने जवाब में स्पष्ट रूप से कहा कि भिंड और धौलपुर में किसी एक पार्टी को वोट मिलने के बारे में जो बातें कही गयी हैं, वे बेबुनियाद हैं। उसने कहा है कि अतर विधानसभा उपचुनाव में उत्तर प्रदेश के कानपुर से केवल वीवीपैट मशीनें लाई गयी थीं, और कोई ईवीएम नहीं लाया गया था। आयोग ने कहा है कि ईवीएम के बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट और वीवीपैट की बाकायदा जांच हुई थी। 31 मार्च को मॉक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें चार बटन दबाये गये थे। आयोग ने कहा कि ईवीएम मशीनों के बारे में गलतफहमी इसलिए हुई कि कानपुर जिले के गोविंदनगर के वीवीपैट में पहले से दर्ज नाम और प्रतीक चिह्नों को हटाया नहीं गया था लेकिन यह कहना गलत है कि हर बटन दबाने पर किसी एक पार्टी के खाते में ही वोट दर्ज होता था। वीवीपैट की मेमोरी न हटाने के कारण जिला स्तर के अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गयी। आयोग ने यह भी कहा कि नौ अप्रैल को राजस्थान के धौलपुर में हुए उपचुनाव में 18 ईवीएम में गड़बड़ी किये जाने की खबर भी बेबुनियाद है क्योंकि राजस्थान के मुख्य चुनाव अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 231 ईवीएम में से केवल दो ईवीएम खराब पाये गये थे और उन्हें बाद में बदल भी दिया गया था। इसके अलावा इन ईवीएम से जो मतदान हुए, उनमें कोई गड़बड़ी नहीं पायी गयी। आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र में मुम्बई नगर निगम चुनाव में श्रीकांत श्रीशत के मामले में हकीकत यह है कि उनका नाम और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची में दो बार दर्ज है और उन्हें बूथ नम्बर 29 और बूथ नम्बर 15 से कुल तेरह मत प्राप्त हुए थे जबकि सभी 38 बूथों से उन्हें 44 वोट मिले थे। इसलिए उनका यह कहना गलत है कि उन्हें कोई वोट नहीं मिला था। अरविंद अजय वार्ता