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भारत


कश्मीर समस्या के ‘अंतिम समाधान ’का खुलासा करें राजनाथ -कांग्रेस

नयी दिल्ली 28 मई (वार्ता ) कांग्रेस ने कश्मीर समस्या का स्थायी हल खोजने सम्बन्धी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को ‘विचित्र’ बताते हुए आज कहा कि उनकी शब्दावली चिंताजनक है लिहाजा इसका खुलासा किया जाना चाहिए ।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी मुख्यालय में नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि गृह मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू कश्मीर में सत्तारूढ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच विरोधाभास और मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं । एक ओर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान और हुर्रियत से बातचीत शुरू करने की मांग कर रही हैं । उनका यह भी कहना है कि ‘एजेंडा फार अलायंस’ में भी यह बात कही गयी है । दूसरी ओर भाजपा इसे नकार रही है । पीडीपी प्रमुख का यह भी कहना है कि ‘एजेंडा फार अलायंस’ में भी पाकिस्तान और हुर्रियत से बातचीत करने की बात कही गयी है ।
श्री तिवारी ने सवाल किया कि यदि दोनों दलों के बीच संतुलन बिगड गया है तो वे सत्ता में क्यों बने हुए हैं ।
उन्होंने गृह मंत्री ने अंतिम समाधान की बात की है जबकि इतिहास इस बात का गवाह है कि दुनिया में जब -जब ‘अंतिम समाधान ’जैसी शब्दावली का इस्तेमाल किया गया है ,उसके गंभीर परिणाम हुए हैं । उन्होंने गृह मंत्री से इस बात का खुलासा करने की मांग की कि इस अंतिम समाधान की क्या रूपरेखा है ,इसका परिप्रेक्ष्य क्या है और इसे किसतरह से लागू किया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि श्री सिंह ने पहले इंसानियत ,जम्हूरियत और कश्मीरियत के दायरे में बातचीत करने की बात की थी और अब अंतिम समाधान की बात कर रहे हैं । उनके बयान को हल्के में नहीं लिया जा सकता । उन्हें देश को बताना चाहिए कि आखिर इस समाधान का क्या मतलब है ।
श्री तिवारी ने कहा कि वैचारिक रूप से परस्पर विरोधी पीडीपी -भाजपा के गठबंधन से कश्मीर के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं । इससे कश्मीर के साथ -साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी भारी नुकसान हो रहा है । उन्होंने कहा कि कश्मीर एक संवेदनशील मुद्दा है और इससे सावधानी से निपटने की जरूरत है ।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर कश्मीर में अलगाववादियों से कैसे बातचीत कर रहे हैं श्री तिवारी ने उल्टा सवाल किया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिंहा ने इन तत्वों से कैसे बात की ।
नीलिमा उनियाल
वार्ता
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