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माकपा ने की पटेल जयंती पर कश्मीर को लेकर अधिसूचना जारी करने की निंदा

नयी दिल्ली ,30 अक्टूबर (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को लद्दाख को अलग कर जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटने से संबंधित अधिसूचना जारी करने की घोषणा के केकेंद्र सरकार के फैसले की तीखी आलोचना की है और कहा है कि मोदी सरकार ऐसा कर इतिहास से न केवल छेड़छाड़ कर रही है बल्कि सरदार पटेल का गलत इस्तेमाल कर रही है।
माकपा पोलित ब्यूरो ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि पार्टी संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने का पुरजोर विरोध करती रही है और सरदार पटेल की जयंती के दिन राज्य को दो भागों में विभाजीत करने की घोषणा की भी आलोचना करती है। पार्टी का कहना है कि यह लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है कि बिना राज्य विधानसभा की राय जाने और जनता को बिना विश्वास में लिए यह कदम उठाया गया। माकपा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह न केवल इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते है बल्कि झूठ भी गढ़ते हैं। हकीकत तो यह है कि सरदार पटेल कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने की प्रक्रिया के हिस्से थे बल्कि संविधान के अनुच्छेद 370 को तैयार किये जाने में शामिल थे। माकपा ने बयान में कहा है कि 15 और 16 मई 1949 को सरदार पटेल के घर पर ही कश्मीर को विशेष दर्जा देने के बारे में बैठक हुई थी जिसमे नेहरू और शेख अब्दुल्लाह ने भाग लिया था। उसके बाद पटेल ने गोपालस्वामी अय्यर के साथ मिलकर अनुछेद 370 तैयार किया था। इतना ही नही सरदार पटेल ने नेहरू की अनुपस्तिथि में संविधान सभा में इसे पेश भी किया था, लेकिन मोदी सरकार एक गलत संदेश देने के लिए सरदार पटेल की जयन्ती का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की हालत ढाई महीने से अधिक समय से खराब है और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए हैं। कश्मीर की आवाज दबाई जा रही है। वहां अभी भी बन्द जारी है और विपक्ष की राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदी लगी है।
अरविंद, संतोष
वार्ता
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