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विशेष » कृषि वार्ता


देश में अब होगा जैविक मछली का उत्पादन ( दो अंतिम नयी दिल्ली)

प्राधिकरण के अध्यक्ष ए जयतिलक के अनुसार जैविक विधि से मछली पालन की लागत अधिक होने के कारण बहुत से किसान इसमें संकोच करते हैं। करार के कारण किसानों को साधारण मछलियों की तुलना में अधिक मूल्य मिलेगा और इससे मत्स्य पालकों को प्रोत्साहन मिलेगा।

काप कोअपरेटिव का मानना है कि वियतनाम का उसका अनुभव रहा है कि सामान्य ढंग से मछली पालन की तुलना में जैविक मछली का उत्पादन शुरू में कम होता है लेकिन लम्बी अवधि के लिए यह बहुत ही उपयुक्त है। गहन खेती की तुलना में इसमें कम जोखिम है।

उल्लेखनीय है कि यूरोप में जैविक उत्पादों को लेकर जागरुकता बढ़ रही है और वहां के लोग गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं को अच्छी कीमत देने के लिए तैयार भी रहते हैं। वहां जैविक उत्पादों का बड़ा बाजार है और भारतीय किसान तथा उद्योग इसका लाभ ले सकते हैं।

दुनिया के सभी प्रमुख देशों में भारतीय झींगा का निर्यात किया जाता है और भारत चीन के बाद सी फूड का सबसे बड़ा निर्यातक है। वर्ष 2016 ..17 के दौरान देश से 11 लाख 34 हजार 948 टन सी फूड का निर्यात किया गया था। झींगा और फ्रोजन फिश के निर्यात से 37 हजार 870 करोड़ रुपये की आय हुयी थी।

अरुण.श्रवण

वार्ता

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