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भाजपा ने एक विधायक समेत पिछले चुनाव के तीन उम्मीदवार बदले

खरगोन, 03 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में भारतीय जनता पार्टी ने महेश्वर से वर्तमान विधायक राजकुमार मेव और पिछला चुनाव लड़े दो अन्य नेताओं को टिकट नहीं देकर शेष स्थानों पर आम राय से अनुभवी लोगों को तरजीह दी है।
पार्टी द्वारा घोषित सूची में खरगोन जिले में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महेश्वर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान विधायक राजकुमार मेव को टिकट न देते हुए जमुना सिंह सोलंकी पर भरोसा जताया है। हालांकि राजकुमार मेव समर्थकों ने कल और आज इस पर रोष जताते हुए सार्वजनिक रूप से नारेबाजी भी की। दो बार के विधायक राजकुमार मेव को बाहरी प्रत्याशी तथा क्षेत्र में लगातार विरोध व असंतोष के चलते पुनः मौका नहीं दिए जाने की बात सामने आई है।
पार्टी ने भीकनगांव और भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्रों से भी गत चुनाव लड़े उम्मीदवारों को बदलकर पूर्व विधायकों को टिकट दिया है। खरगोन जिले में 3 अनारक्षित सीटें खरगोन, कसरावद तथा बड़वाह है तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भीकनगांव तथा भगवानपुरा क्षेत्र है। जिले में महेश्वर एकमात्र अनुसूचित जाति वर्ग हेतु आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है।
दोनों ही मुख्य दलों भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस के पास जिले में तीन-तीन विधायक हैं। भारतीय जनता पार्टी ने 2013 में खरगोन, बड़वाह तथा महेश्वर में जीत का परचम लहराया था, जबकि कांग्रेस ने कसरावद, भीकनगांव तथा भगवानपुरा में जीत हासिल की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने दो बार के विधायक तथा 2018 में राज्य मंत्री बनाए गए पाटीदार नेता व उद्योगपति बालकृष्ण पाटीदार को पुनः अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बेबाक राय प्रगट करने के लिए मशहूर श्री पाटीदार पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
कसरावद विधानसभा से आत्माराम पटेल का चयन किया गया है, जो 2013 में कांग्रेस के वर्तमान विधायक सचिन यादव पूर्व मुख्यमंत्री सुभाष यादव के छोटे पुत्र) से पराजित हुए थे। हालांकि कुनबी पटेल समाज के बड़े नेता आत्माराम पटेल पूर्व में कांग्रेसी दिग्गज सुभाष यादव को 2008 में कसरावद से पटकनी देकर चर्चा का केंद्र बिंदु बने थे।
बड़वाह से पार्टी ने राजपूत नेता हितेंद्र सिंह सोलंकी पर ही अपना विश्वास व्यक्त किया है, जो पिछले तीन विधानसभा चुनाव लगातार जीत कर हैट ट्रिक लगा चुके हैं। इस बार यहां से भाजपा नेता कृष्ण मुरारी मोघे भी दौड़ में थे, किंतु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के करीबी माने जाने वाले हितेंद्र सिंह सोलंकी को प्राथमिकता दी गई।
भीकनगांव से पूर्व विधायक धूल सिंह डाबर (2008 में चुने गए थे) को पुनः मैदान में उतारा गया है। उन्हें इस बार भाजपा ने 2013 के चुनाव में पराजित हुई नंदकुमार सिंह चौहान समर्थक नन्दा ब्राह्मण के स्थान पर तरजीह दी गयी है। डाबर को यहां से कांग्रेस विधायक तथा कांग्रेस जिला अध्यक्ष झूमा सोलंकी के विरुद्ध उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का फायदा मिल सकता है।
पार्टी ने महेश्वर विधानसभा के लिए वर्तमान विधायक राजकुमार मेव का टिकट काटकर पूर्व विधायक तथा अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष तथा स्थानीय नेता भूपेंद्र आर्य को मौका दिया है। आर्य ने 2008 में कांग्रेस नेत्री विजयलक्ष्मी साधो को हराया था।
इसी तरह भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र से भी 2008 में विधायक रहे जमुना सिंह सोलंकी को टिकट दिया गया है। 2013 में कांग्रेस के विजय सोलंकी ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह पटेल को पराजित किया था।
भारतीय जनता पार्टी के खरगोन से उम्मीदवार तथा राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों और विभिन्न सर्वे आदि के आधार पर पार्टी ने टिकट तय किए हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के हालिया खरगोन दौरे का कोई असर नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि राहुल गांधी केवल एंटरटेनर है और लोग एंटरटेनमेंट के लिए आते हैं।
सं बघेल
वार्ता
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