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टिकट को लेकर कांग्रेस में अंतर्कलह, अरूण यादव के खिलाफ सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता

खंडवा, 08 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद जो नाम सामने आये उसे लेकर पार्टी का अंतर्कलह अब सड़कों पर आ गया है। जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र में हजारों कार्यकर्ता आज सड़क पर उतरकर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के खिलाफ विरोध जताया।
टिकट को लेकर चल रहे घमासान के बीच कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे की पेशकश कर स्थानीय प्रत्याशी को निर्दलीय लड़ाने का फैसला भी किया। चुनाव के पहले यहां कांग्रेस को अपनों से ही जूझना होगा, भाजपा से लडाई तो बाद की बात है। आज पंधाना में कांग्रेस के हजारो कार्यकर्त्ता अपनी ही पार्टी के निर्णय के खिलाफ सडकों पर उतर गए। यहां सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अरुण यादव के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष संजय पाटीदार का कहना था कि अरुण यादव ने पंधाना विधानसभा सीट पर खरगोन जिले की महिला को टिकट दिया है, जिससे स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का अपमान हुआ है। उनका यह भी आरोप था कि अरुण यादव ने पट्ठावाद की राजनीति करते हुए खरगोन की छाया मोरे को पंधाना से विधानसभा का टिकट दिलवाया। जबकि काग्रेस के तमाम सर्वे में रूपाली बारे का नाम सबसे ऊपर था।
खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। भारतीय जनता पार्टी पिछले 15 साल से यहां पर विधानसभा का चुनाव जीतते आई है। पिछली बार रूपाली बारे के पिता यहां से भाजपा के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर दी थी और चुनाव हारने के बाद उनका निधन भी हो गया। उन्हीं की बेटी रूपाली बारे इस बार कांग्रेस की सर्वे सूची में नंबर वन थी और उन्हें पूरा भरोसा था कि टिकट उन्हें ही मिलेगा।
पिछले एक सप्ताह तक पंधाना विधानसभा सीट से कांग्रेस ने उम्मीदवार के नाम को होल्ड पर रखा था और कल अचानक खरगोन जिले की भीकनगांव तहसील की छाया मोरे का नाम पंधाना विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर घोषित हो गया। घोषणा होते ही पंधाना के हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज हो गए। उन्होंने आज सार्वजनिक रूप से काग्रेस से इस्तीफा दिया और रुपाली बारे को निर्दलीय लड़ाने का फैसला किया।
कांग्रेस से टिकट की प्रबल दावेदार रुपाली बारे का कहना है कि मेरे पिता नन्दू बारे ने इस क्षेत्र में लम्बे समय कॉग्रेस के लिए संघर्ष किया। वे पिछले दो चुनाव में कॉग्रेस के प्रत्याशी थे और भाजपा को कड़ी टक्कर भी दी। मैं उनके ही सपनों को पूरा करना चाहती थी, यहाँ के कार्यकर्ताओ की भी मंशा स्थानीय प्रत्याशी को ही मैदान में उतारने की थी, लेकिन अरुण यादव ने यहां बाहरी प्रत्याशी को थोप दिया।
सं बघेल
वार्ता
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