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बुरहानपुर में दो बार बाजी रही निर्दलियों के हाथों में

बुरहानपुर, 14 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के बुरहानपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने अब तक दो बार निर्दलियों को चुन कर विधानसभा भेजा है।
अब तक बुरहानपुर में विधानसभा के 14 आम चुनाव और एक उपचुनाव हुए हैं। बुरहानपुर में सात बार कांग्रेस, दो-दो बार भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी तथा एक-एक बार जनता दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जीती हैं। दो बार यहां से बाजी निर्दलियों के हाथों रही है।
बुरहानपुर में साल 1993 में मशाल चुनाव चिन्ह लेकर उदासीन आश्रम नागझीरी के महंत स्वामी उमेश मुनि चुनावी अखाड़े में उतरे थे। उन्होंने कांग्रेस की डॉ फिरोजा अली को मात्र 352 मतों से शिकस्त दी। इसके बाद वर्ष 1998 के चुनाव में भी बाजी निर्दलीय के हाथ रही। झोपडी चुनाव चिन्ह लेकर लड़े ठाकुर शिवकुमारसिंह ने कांग्रेस के हमीद काजी को छह हजार 994 मतों से हराया।
यहां दो बार निर्दलीय दूसरे स्थान पर भी आए हैं। साल 1990 में साइकिल चुनाव चिन्ह लेकर मैदान में आए पूनमचंद्र सावलदेकर ने 14 हजार 322 मत बटोर कर पहले स्थान पर आए जनता दल के ठाकुर शिवकुमारसिंह को कडी टक्कर दी। वहीं 1999 के उपचुनाव में झोपडी चुनाव चिन्ह लेकर मैदान में आए अब्दुल रब अंसारी ने 24 हजार 285 मत लेकर पहले स्थान पर रही कांग्रेस की मंजूश्री ठाकुर की मुश्किलें बढा दी थीं।
बुरहानपुर में पहली बार निर्दलीय की प्रभावी उपस्थिति 1967 के चुनाव में देखने में आई। निर्दलीय गोर्वधनदास गुप्ता तीन हजार 156 मत लेकर पांच प्रत्याशियों के बीच तीसरे स्थान पर रहे। साल 1985 में भी तराजू चुनाव चिन्ह लेकर मैदान में आए अब्दुल रब अंसारी सात हजार 656 मत लेकर छह प्रत्याशियों के बीच तीसरे स्थान पर रहे थे।
सं गरिमा
वार्ता
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