राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 14 2018 8:25PM बंंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिजजबलपुर, 14 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान आज पुलिस द्वारा लापता युवक को पेश कर दिए जाने के बाद याचिका को खारिज कर दिया गया और युवक को पुलिस जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर एस झा और न्यायाधी संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान पुलिस द्वारा लापता युवक को युगलपीठ के समक्ष पेश किया गया। पुलिस की तरफ से बताया गया कि बलात्कार कर मासूम बच्ची की हत्या के मामले में युवक संदेही है और उसका डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। युगलपीठ ने याचिका का खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि युवक पुलिस जांच में सहयोग करे।उमरिया जिले के ग्राम मलहेरा निवासी अनीता देवी गौड़ की तरफ से दायर की गयी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था कि थाना मानपुर के प्रभारी नरेन्द्र पाल सिहं सहित चार-पांच पुलिस कर्मी 30 अक्टूबर की रात्रि उसके घर आये थे। पुलिस कर्मी उसके पति लवकेश सिंह को अपने साथ जबरजस्ती ले गये थे, तभी से उसका पति लापता है। पुलिस ने उसके पति को बंधक बनाकर रखा हुआ है। याचिका में मामलें की जांच तथा पांच लाख रूपये के हर्जाने की मांग की गयी थी।याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने लापता युवक को पेश करने के निर्देश जारी किये थे। पुलिस ने युवक को आज न्यायालय में पेश किया। शासकीय अधिवक्ता ने युगलपीठ को बताया गया कि मानपुर थानान्तर्गत मई माह में आठ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार कर हत्या करने की घटना घटित हुई थी। पुलिस की विवेचना में 24 संदेही व्यक्ति के नाम आये थे, जिसमें से लवकेश सिहं एक है। पुलिस ने उसके डीएनए को टेस्ट के लिए भेजा है। पुलिस ने संदेही को दुबारा पूछताछ के लिए बुलाया था। जिसके कारण संदेही घर से लापता हो गया था।सं बघेल वार्ता