राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 15 2018 3:11PM श्री पांडेय जनता के सामने यह सवाल भी उठा रहे हैं कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में श्री अग्रवाल के कार्यकाल में उनके ही गृह नगर स्थित बिलासपुर के मेडिकल कालेज छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में अपेक्षित सुधार क्यों नहीं हो सका तथा राज्य में नसबंदी और आंखफोड़वा कांड भी उन्हीं के कार्यकाल में हुए।आारोप -प्रत्यारोप, वादों -सौगातों की होड़ लिए इस चुनावी दौड़ में कौन कितना आगे होगा, इसका फैसला तो जनता -जर्नादन ही करेगी और मतदाताओं की चुप्पी किसी तूफान पूर्व मंजर का संकेत देती नजर आ रही है।अतीत में न जाते हुए भी बिलासपुर में पिछले चार विधानसभा चुनाओं में कांग्रेस और भाजपा के बीच ही जबरदस्त टक्कर रही है। 1998 और 2008 के कालखंड में भाजपा को सत्ता परिवर्तन की जनांकाक्षा और विकास कार्यों की ललक सत्ता दिलाती रही जबकि कांग्रेस अपने ही घर की गुटबंदी की लहरों में उलझकर पराजय झेलती रही। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस गुटबाजी से अपने को अलग नहीं कर पायी और पक्ष में माहौल होने के बावजूद यह चुनाव भी उसके हाथ से निकल गया। इस बार के चुनाव में हालांकि श्री गांधी द्वारा युवा वर्ग को तरजीह दिये जाने तथा प्रदेश के नेताओं के गुटीय संतुलन केे परिप्रेक्ष्य में पार्टी उम्मीदवारों और टिकट से वंचित नेताओं के बीच भी तालमेल का माहौल दिखाई दे रहा है। अब देखना यह है कि पार्टी को चुनावों में इसका लाभ मिल पायेगा या नहीं। टंडन.श्रवण वार्ता