राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 17 2018 4:26PM खरसिया का गढ़ बचाने कांग्रेस को बहाने पड़ रहे आंसूपत्थलगांव 17 नवंबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट पर लगातार आठ बार अपनी जीत हासिल कर चुकी कांग्रेस की स्थिति इस बार विषम है और उसे अपने परंपरागत गढ़ को बचाने के लिए मतदाताओं के सामने आंसू बहाकर भावुकता का सहारा लेना पड़ रहा है। खरसिया सीट से कांग्रेस उम्मीदवार एवं मौजूदा विधायक उमेश पटेल वर्ष 2013 में पिता एवं तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नन्द कुमार पटेल की बस्तर झीरम घाटी में नक्सली हिंसा में हुई मौत के बाद अब तक न्याय नहीं मिलने का मुद्दा उठा रहे हैं और परिजनों के साथ मिलकर मतदाताओं के समक्ष अपनी पीड़ा को भावुकता के साथ बयान कर रहे हैं। श्री नंद कुमार पटेल खरसिया से पांच बार विधायक निर्वाचित हुए थे।दूसरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वर्ष 1977 से कांग्रेस के इस अभेद्य गढ़ में स्थानीय निवासी एवं पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ओ पी चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा ने विकास को प्रमुख मुद्दा बनाया है। लगभग 40 फीसदी आदिवासी मतदाताओं वाली इस विधानसभा में शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई सुविधा की कमी को लेकर ज्यादातर ग्रामीण मतदाता इस बार चुप्पी साध कर बैठे हैं। सं.टंडन.संजयजारी.वार्ता