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इंदौर में धोखाधड़ी के मामले में दो को कारावास

इंदौर, 04 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के इंदौर जिले की एक अदालत ने आज नौकरी लगाने के नाम पर रुपये ऐंठकर धोखाधड़ी करने के एक मामले में दो आरोपितों को दोषी करार देते हुये एक को 5 वर्ष औऱ दूसरे को 3 वर्ष के कारावास से दंडित किया हैं।
अभियोजन अधिकारी के अनुसार मनोहर शर्मा को धोखाधड़ी, कूटरचना, छल, नकली दस्तावेजों को असली का तरह उपयोग में लाये जाने की धाराओं में दोषसिद्ध पाये जाने पर क्रमशः 3 वर्ष, 5 वर्ष, 3 वर्ष और 2 वर्ष के कारावास के साथ कुल 7 हजार के अर्थदंड से दंडित किया हैं। अर्थदंड भुगतान नही किये जाने पर अतिरिक्त सजा भोगे जाने का आदेश न्यायालय ने दिया हैं। आदेशानुसार मनोहर शर्मा को सभी कारावास सजाए एक साथ भोगी जानी हैं।
अभियोजन अधिकारी ने बताया वर्ष 2002 में मनोहर शर्मा औऱ उनके एक साथी विपिन रावत ने 5 युवकों से अलग-अलग शासकीय नौकरी लगवाने के नाम पर कुल 6 लाख 70 हजार रुपये लिए थे। दोनों ने बाद में धोखाधड़ी करते हुए पीड़ित युवकों को नकली नियुक्ति पत्र भी दे दिए थे। युवकों को असलियत मालूम चलने के बाद दोनों दोषियों ने रुपये लौटने के उद्देश्य से चेक दिए। जो बैंक में लगाने पर देयकों के खातों में पर्याप्त राशि नही होने पर अनादिकृत (बाउंस) हो गये थे।
जिसके बाद इंदौर की खजराना पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर दोनों आरोपितों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर, मामले की जांच कर, आरोप पत्र दाखिल किया था। आज अदालत ने मनोहर शर्मा और विपिन रावत को दोषसिद्ध पाते हुये दंडित किया।
दूसरे आरोपित विपिन को धोखाधड़ी के आरोप में अदालत ने तीन वर्ष के कारावास और तीन हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया हैं।
अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी हर्ष बहरावर ने यह सजा सुनाई है।
सं नाग
वार्ता
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