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व्हीव्हीपेट की पर्चियों का मिलान वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा आदेश

जबलपुर 07 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने व्हीव्हीपेट मशीन की पर्ची से मिलान कर वोट की गिनती किये जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए है।
मुख्य न्यायाधीश एस के सेठ व न्यायाधीश व्ही के शुक्ला ने याचिका पर सुनवाई करने के बाद आदेश सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किये है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया कि मतदान के दौरान 1146 ईव्हीएम मशीन तथा 1545 व्हीव्हीपेट मशीन में खराबी आई थी, जिन्हें बदला गया था। मतदान केन्द्र में भेजने के पहले मशीनों की दो बार जांच की जाती है। इसके अलावा चुनाव कर्मचारी ईव्हीएम व व्हीव्हीपेट मशीन के साथ होटल में मिले। इतना ही नहीं मशीनों मतदाता की अवधि समाप्त होने के 48 घंटो बाद जमा हुई।
याचिका में कहा गया है कि केन्द्रीय चुनाव आयोग ने ईव्हीएम व व्हीव्हीपेड मशीन के संबंध में मैन्युल जारी किया गया है। जिसके कंडिका 19 में ईव्हीएम ट्रेकिंग साफ्टवेयर का उल्लेख किया गया है। इसके लिए उन्होंने एक मोबाइल एप तैयार किया। मुख्य चुनाव अधिकारी, जिला चुनाव अधिकारी तथा वेयरहाऊस इंचार्ज को माईबल एप उपयोग के लिए दिये गये है। इस एप के साथ ईव्हीएम मशीन तथा व्हीव्हीपेड को जोड़ा जा सकता है।
कंडिका 23 में कहा गया है कि ईव्हीएम व व्हीव्हीपेड मशीन को वायरलैस कनेक्शन से जोड़ा नहीं जा सकता है। दोनो बाते परस्पर वितरित है। मतदाता ने जिसे मत दिया उस तक पहुॅचे यही लोकतंत्र है। वर्तमान व्यावस्था के अनुसार सिर्फ एक पोलिंग वूथ का का चयन कर ईव्हीएम मशीन के वोट तथा व्हीव्हीपेड मशीन की पर्ची का मिलाना किया जायेगा।
याचिका में मांग की गयी है कि निष्पक्ष मतगणना के लिए सभी पोलिंग बूथ की ईव्हीएम मशीन के वोट तथा व्हीव्हीपेड की मशीन की पर्चियों का मिलान होना चाहिए।
सं नाग
वार्ता
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