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जरूरतमंद बच्चे विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण को सौंपे जायेंगे

भोपाल, 22 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश शासन द्वारा देख-रेख और संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों को बाल कल्याण समिति द्वारा अपने जिले में स्थित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहणअभिकरण को सौपनें का निर्णय लिया है।
इस संबंध में महिला-बाल विकास विभाग ने आदेश जारी किया है। किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत किसी भी व्यक्ति, पुलिस अधिकारी, लोक सेवक, सामाजिक कार्यकर्ता, बाल कल्याण अधिकारी अथवा किसी नर्सिंग या किसी शासकीय संस्था को कोई बच्चा, जिसे देख-रेख या संरक्षण की जरूरत है, मिलता है तो उस बच्चे को 24 घंटे के अन्दर बाल कल्याण समिति को पेश करना अनिवार्य होता है।
निर्णय के अनुसार यदि जिले में एक से अधिक विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण है तो बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को जिले में िस्थत अभिकरणों में रोस्टर के आधार पर प्रवेश दिया जायेगा। यदि जिले में तीन विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिरकण है तो पहले अभिकरणों के नाम अंग्रेजी की वर्णमाला के क्रम से लिखे जायेंगें और एक वर्ष में जो बच्चे समिति में पेश होंगे उनमें से पहले लाये गये बच्चे को पहले वर्णमाला वाली अभिकरण में प्रवेश दिया जायेगा। यही क्रम वर्ष भर दोहराया जायेगा। यदि किसी अभिकरण को पालने में भी कोई बच्चा मिलता है तो भी रोस्टर अनुसार ही प्रवेश दिया जायेगा।
जिस जिले में विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालित नहीं है तो वहाँ बाल कल्याण समिति को समीपस्थ जिले के अभिकरण में प्रवेश की अनुमति होगी। यदि प्राप्त बच्चा 6 से 18 वर्ष की आयु वर्ग का है तो बाल कल्याण समिति द्वारा विचार-विमर्श कर जिले में स्थित बाल देख-रेख संस्था में प्रवेश दिलाया जायेगा। यदि जिले में एक से अधिक बाल गृह/बालिका गृह संस्था हो तो रोस्टर के आधार पर प्रवेश मिलेगा।
नाग
वार्ता
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