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कर्जमाफी प्रक्रिया में सामने आई गड़बड़ी पर होगी वैधानिक कार्यवाही : पटवारी

भोपाल, 25 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने आज कहा कि सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों के ऋण खातों में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने पर प्राथमिकी समेत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिये हैं।
श्री पटवारी ने आज यहां जय किसान ऋण मुक्ति योजना में कथित गड़बड़ियों संबंधित सवाल के जवाब में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि निकायों और पंचायतों में कर्जमाफी वाले किसानों की सूची में जो गंभीर गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इस सम्बन्ध में सरकार ने कल ही आदेश जारी कर सभी प्रकरणों की जांच कराने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि जिन सरकारी सोसाइटी संस्थाओं और सहकारी बैंकों में अनियमितताएं पाईं गई, उनमें आपराधिक प्रकरण दर्ज होंगे। जिन लोगों ने किसानों के ऋण छिपाए या ऋण नहीं होने पर बनाए गए, वहां भी जांच के बाद आपराधिक प्रकरण दर्ज होंगे। इन गड़बड़ियों की जांच में जो भी अधिकारी लिप्त पाया जायेगा, उसके खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जायेंगे।
उन्होंने किसानों की गड़बड़ियाें वाली सूची संबंधी अनियमितताओं के पीछे पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय काम कर रही कई सहकारी साख समितियां भी सवालों के घेरे में आ गई हैं, क्योंकि सहकारी साख समितियाें ने कर्ज की लिस्ट में उन किसानों के भी नाम जोड़ दिए हैं, जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं।
कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ राजेश राजौरा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि पांच फरवरी के बाद सभी संभावित फर्जी फसल ऋणों के बारे में सभी जिलाें से जानकारी लेना और उनकी जांच प्रक्रिया एवं समयसीमा निर्धारित करना उचित होगा। जांच में मामला फर्जी पाए जाने पर विधिवत वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित हो।
प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी को जय किसान ऋण मुक्ति योजना शुरू की है। योजना के तहत किसानों से ऋण मुक्ति के संबंध में विधिवत फार्म पांच फरवरी तक भरवाए जायेंगे। इसके बाद किसानों के खाते में ऋण माफी संबंधी राशि पहुंचायी जाएगी।
अनूप गरिमा
वार्ता
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