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लोकसभा निर्वाचन 2019 में प्रत्याशियों के लिये व्यय सीमा 70 लाख निर्धारित

भोपाल, 29 जनवरी (वार्ता) भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा निर्वाचन 2019 में अभ्यर्थियों के लिये व्यय सीमा रूपये 70 लाख निर्धारित की है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत अभ्यर्थी का व्यय निर्धारित व्यय सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार लोक सभा निर्वाचन में प्रत्याशियों द्वारा कानून के अन्तर्गत सीमा में किये गये सभी व्यय जैसे पोस्टर, बैनर, वाहन, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक विज्ञापन, जन-सभा, टेंट और ऐसे सभी व्यय जिनका रिकार्ड संधारित किया जाता है, इन सभी के लिए व्यय सीमा निर्धारित की गई है। सभी अभ्यर्थियों को व्यय के लिये बैंक में खाता खुलवाना अनिवार्य होगा और व्यय का भुगतान चैक द्वारा किया जायेगा।
कानून के अधीन अनुमति प्राप्त नहीं होने वाले व्यय- जैसे निर्वाचकों को प्रभावित करने के उद्देश्य से रूपये, शराब या अन्य किसी वस्तु एवं रिश्वत का वितरण करना आदि यह भारतीय दण्ड संहिता के अधीन अपराध है और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अधीन एक भ्रष्ट आचरण है।
निर्वाचन की घोषणा की तारीख से लेकर परिणाम घोषणा की तारीख तक राजनैतिक दलों के पार्टी व्यय पर उड़नदस्ता के जरिये जिला प्राधिकारियों द्वारा नजर रखी जायेगी। यह व्यय अभ्यर्थी के व्यय में नही जोड़ा जायेगा फिर भी साक्ष्य के साथ अभिलेखवद्ध प्रेक्षकों की रिपोर्ट निर्वाचन परिणामों की घोषणा के 45 दिनों में विनिर्दिष्ट प्रोफार्मा में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दी जानी चाहिये।
जिन प्रकरणो में अभ्यर्थी निर्वाचन व्यय का दिन-प्रतिदिन का लेखा निरीक्षण के लिए प्रस्तुत करने में विफल हो जाता है, और नोटिस दिये जाने के बावजूद यह विफलता बनी रहती है तो ऐसे नोटिस के तामील किये जाने के 48 घंटो के बाद भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत एफ आई आर दर्ज की जायेगीं, और निर्वाचन अभियान के लिए अभ्यर्थी द्वारा वाहनों के इस्तेमाल के लिए अनुमति वापस ले ली जायेगी।
जिन मामलों में अभ्यर्थी या उसके निर्वाचन एजेन्ट द्वारा नोटिस मिलने के 48 घण्टों की समय सीमा में उत्तर प्रस्तुत नही किया जाता है तो यह माना जायेगा कि नोटिस में उल्लेखित छुपाई गई धनराशि की बात स्वीकार कर ली है और ऐसे अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में राशि को जोड़ा जायेगा।
निर्वाचन व्यय मॉनीटरिंग के लिये केन्द्रीय व्यय प्रेक्षक, सहायक प्रेक्षक, नोडल अधिकारी, वीडियो निगरानी, वीडियो अवलोकन, लेखा टीम, उडनदस्ता दल(एफ.एस.टी), स्थैतिक निगरानी दल (एस.एस.टी) एवं कंट्रोल रूम के जरिये व्यय निगरानी रखी जावेगी।
नाग
वार्ता
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