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चार माह में मध्यप्रदेश में खुलेंगी एक हजार गौशालाएं

भोपाल, 29 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश सरकार ने आज अगले चार माह में एक हजार गौशालाएं खोलने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इन गौशालाओं में एक लाख निराश्रित गौवंश की देखरेख की जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन गौशालाओं के माध्यम से 40 लाख मानव दिवसों का निर्माण होगा। प्रदेश में अब तक कोई भी शासकीय गौ-शाला नहीं खोली गयी थी।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज यहां राज्य मंत्रालय में वचन पत्र का एक और वचन पूरा करते हुए प्रोजेक्ट गौ-शाला को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए। ग्रामीण विकास विभाग, प्रोजेक्ट गौ-शाला का नोडल विभाग होगा। ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड से संबद्ध संस्थाएँ एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएँ प्रोजेक्ट गौ-शाला का क्रियान्वयन करेंगी।
मुख्यमंत्री ने निजी संस्थाओं से भी इस परियोजना में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने स्वामित्व संचालन और प्रबंधन के आधार पर गौ-शालाओं के संचालन की सम्भावनाएँ तलाशने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट गौ-शाला से शहरों और गाँवों में निराश्रित पशुओं द्वारा पहुँचाये जा रहे नुकसान से निजात मिलेगी। निराश्रित पशुओं को घर आश्रय मिलेगा। साथ ही ग्रामीण रोज़गार के भी अवसर निर्मित होंगे। चार माह बाद इन गौ-शालाओं का विस्तार होगा।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 614 गौ-शालाएँ हैं, जो निजी क्षेत्र में संचालित है। अब तक एक भी शासकीय गौ-शाला संचालित नहीं है।
गौ-शाला प्रोजेक्ट के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति होगी। विकासखंड स्तर की समिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अध्यक्ष होंगे।
गौ-शाला में शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट, नाडेप, आदि व्यवस्थाएँ होंगी। फंड की व्यवस्था पंचायत, मनरेगा, एमपी-एमएलए फंड तथा अन्य कार्यक्रमों के समन्वय से होगी। जिला समिति गौ-शालाओं के लिए स्थल चुनेंगी।
बैठक में पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, कृषि मंत्री सचिन यादव, राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती और सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रशांत
वार्ता
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