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गौशाला प्रोजेक्ट प्रगति मामले में होनी चाहिए ठोस कार्रवाई: कमलनाथ

भोपाल, 06 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गौशाला प्रोजेक्ट की प्रगति मामले में ठोस कार्रवाई किए जाने की बात पर जोर देते हुए आज कहा कि इस मामले में ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने इसके लिए तीन सप्ताह में ठोस कार्रवाई करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।
श्री कमलनाथ ने यहां मंत्रालय में गौ-शाला प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की और इस पर अगले तीन सप्ताह में ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने बेसहारा पशुओं की समस्या वाले जिलों में युद्ध स्तर पर काम शुरू करने को कहा है। उन्होंने सभी सम्बंधित विभागों के बजट का बेहतर उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि अगले तीन सप्ताह में गौ-शाला का स्वरुप जमीन पर उतारना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि अभी छह सौ से ज्यादा ऐसे स्थानों को चुना गया है, जहाँ गौ-शाला स्थापित की जा सकती हैं। आगे प्रक्रिया चल रही है। नौ हजार से ज्यादा बेसहारा गौ-वंश को आसरा देने का काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में काम कर रही औद्योगिक कंपनियों के सोशल कॉर्पोरेट रिस्पांसिबिलिटी फण्ड के उपयोग की गाईड लाइन में गौ-शाला के संचालन के लिये भी फंड देने का प्रावधान शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने गौ-शाला के संचालन में पहली प्राथमिकता जिला प्रशासन, दूसरी प्राथमिकता पंचायत, तीसरी स्व-सहायता समूहों और चौथी प्राथमिकता प्रतिबद्ध स्वयं-सेवी संस्था को देने के निर्देश दिये हैं। उन्होने कहा कि गैर वन गाँवों में गौ-शाला के संचालन की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग की होगी, जबकि वन-गाँवों में वन विभाग गौ-शालाओं का संचालन करेगा।
उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिवों की समन्वय समिति बनाने के निर्देश भी दिए। गौ-शाला संचालन में सभी स्तर की पंचायतों और पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी भी तय करने को कहा है। बैठक में पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, कृषि मंत्री सचिन यादव, मुख्य सचिव एस.आर.मोहंती और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बघेल
वार्ता
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