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छतरपुर में 23वां बुन्देली उत्सव

छतरपुर 10 फरबरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के पर्यटक ग्राम बसारी में प्रतिवर्ष बुन्देली संस्कृति और बुन्देली कलाओं को सहेजने के लिए आयोजित होने वाले बुन्देली उत्सव का 23वां आयोजन 16 फरवरी से प्रारंभ होगा जो 22 फरवरी तक चलेगा।
बुन्देली संस्थान के संरक्षक शंकर प्रताप सिंह मुन्नाराजा ने पत्रकारों को बताया कि 7 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में बुन्देली सिनेमा का प्रदर्शन, बुन्देली नाटक, राई नृत्य, अश्व नृत्य एवं नौका दौड़ आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होगी। इस बार बुन्देली उत्सव में बुन्देली साहित्य, पत्रकारिता एवं कला के लिए काम करने वाली 9 विभूतियों को सम्मानित भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 16 फरवरी को बुन्देली उत्सव का शुभारंभ रंगोली, लोक चित्रकारी एवं बुन्देली पर आधारित बच्चों की प्रस्तुतियों के साथ होगा। 17 फरवरी को दंगल, कबड्डी, चौपड़ एवं गिल्ली डण्डा की प्रस्तुतियां रखी जाएंगी। 18 फरवरी को कबड्डी, खो-खो, चौपड़, गिल्ली डण्डा, नौका दौड़ एवं बुन्देली सिनेमा का प्रदर्शन होगा। 19 फरवरी को कबड्डी और खो-खो के फाइनल के साथ रस्साकसी का आयोजन होगा। 20 फरवरी को बैलगाड़ी दौड़, बधाई, कछियाई, दिवारी, बुन्देली पोषाक, अहिरयाई बैठक, बुन्देली कीर्तन, कहरवा, गारी, बनरे, लमटेरा, सैर, ख्याल और दादरा का आयोजन होगा। 21 फरवरी को अश्व नृत्य, बुन्देली व्यंजन, दलदल घोड़ी, बहरूपिया, गोटे, कार्तिक गीत, आल्हा, बिलवारी, काडऱा, रावला, सोहरे एवं ढिमरयाई का आयोजन होगा। 22 फरवरी को निशानेबाजी प्रतियोगिता, बुन्देली नाटक एवं रात को फाग एवं राई की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।
इस बार बुन्देली उत्सव में बुन्देली सिनेमा की प्रस्तुति के लिए एक खास टपरा टॉकीज का निर्माण किया जा रहा है। इस टपरा टॉकीज में बुन्देली सिनेमा का प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके अलावा 1857 की मेरठ क्रांति के पूर्व 1842 में टीकमगढ़, छतरपुर सहित बुन्देलखण्ड के कई हिस्सों में शुरू हुई आजादी की पहली लड़ाई बुन्देला विद्रोह पर आधारित एक नाट्य प्रस्तुति भी 22 फरवरी की रात मंच पर आयोजित की जाएगी। जाने-माने लेखक महेश पाण्डेय द्वारा लिखे एवं आलोक चटर्जी द्वारा निर्र्देशित नाटक हंसा करले किलोल का मंचन किया जाएगा। यह नाटक मप्र नाट्य विद्यालय भोपाल के छात्रों के द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
इस बुन्देली उत्सव के दौरान कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाली 9 विभूतियों का सम्मान होगा। वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र शर्मा शिरीष ने बताया कि राव बहादुर सिंह बुन्देला सम्मान के अंतर्गत बुन्देली लोक साहित्य सर्जना हेतु जबलपुर की श्रीमती लक्ष्मी शर्मा को कहानी एवं उपन्यास लेखन एवं बुन्देली साहित्य आलोचना एवं समीक्षा हेतु डॉ. लखनलाल खरे को सम्मानित किया जाएगा। राव बहादुर सिंह बुन्देला सम्मान के अंतर्गत बुन्देली संस्कृति व भाषा के प्रोत्साहन के लिए कहावतों एवं मुहावरों का संकलन करने वाले प्रेमनारायण मिश्रा को सम्मानित किया जाएगा।
इस बार का दीवान प्रतिपाल सिंह बुन्देला सम्मान नरेश कुमार पाठक को दिया जाएगा जिन्होंने बुन्देलखण्ड के इतिहास पर काम किया है। बुन्देली लोकचित्र एवं फोटोग्राफी में उल्लेखनीय कार्य के लिए दमोह के मनोहर काजल को डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान दिया जाएगा। प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में पं. हरिराम मिश्र सम्मान शिव अनुराग पटैरिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के क्षेत्र में राकेश अग्रिहोत्री को प्रदान किया जाएगा। बुन्देली उत्सव में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाने वाला गौरिहार महाराज प्रताप सिंह स्मृति सम्मान शारदा प्रसाद शुक्ला को दिया जाएगा तो वहीं बुन्देली लोक साहित्य की रचनात्मकता हेतु स्व. हरगोविंद हेमल स्मृति सम्मान पद्मश्री बाबूलाल दाहिया को प्रदान किया जाएगा।
सं नाग
वार्ता
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