राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Feb 12 2019 8:16PM मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं ने नहीं की पैरवीजबलपुर, 12 फरवरी (वार्ता) देश भर की तरह आज मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के वकील भी अधिवक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, न्यायपालिका की स्वतंत्रता व लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संस्थाओं की रक्षा समेत अपनी मांगों को लेकर आज न्यायालयीन कार्य से दूर रहे। मप्र हाईकोर्ट बार एसोसियेशन व मप्र स्टेयरिंग कमेटी के संयोजक आदर्श मुनि त्रिवेदी के नेतृत्व में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने रैली निकालकर वकीलों की मांग संबंधी ज्ञापन प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा।बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की मुख्य मांगों में अधिवक्ताओं के बैठने के लिये सुविधायुक्त चेम्बर, ई-लाइब्रेरी, महिला अधिवक्ताओं की सुविधा के लिये यथोचित प्रसाधन, अधिवक्ताओं एवं उनके परिवार की इंश्योरेंस की सुविधा, पेंशन, 5 वर्ष तक स्टायफंड की सुविधा, बीमारी एवं मृत्यु उपरांत उनकी सहायता हेतु फण्ड उपलब्ध होने की मांग की गई थी। वहीं हाईकोर्ट बार एसोसियेशन ने भी हाल ही में नोटिफिकेशन जारी कर अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता को छीनने व अब तक एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू न किये जाने की मांग को भी सम्मिलित करते हुए ज्ञापन सौंपा है।सं गरिमावार्ता