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मृत्युदण्ड की सजा पर फैसला सुरक्षित

जबलपुर 15 फरवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मां की गर्दन काटकर हत्या करने वाले पुत्र को जिला न्यायालय द्वारा दिए गये मृत्युदंड की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नरसिंहपुर जिला न्यायालय ने मॉ का गर्दन कटाकर हत्या करने वाले पुत्र को मृत्युदण्ड की सजा से दण्डित किया था। जिला न्यायालय ने मृत्युदण्ड की सजा की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट भेजा था। हाईकोर्ट जस्टिस जे के महेश्वरी तथा जस्टिस ए के श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई करते हुए 30 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
युगलपीठ के निर्देश पर उक्त मामले में आज पुन: सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किये है।
नरसिंरपुर जिला न्यायालय ने मॉ की हत्या करने वाले पुत्र को 12 मार्च 2018 को मृत्युदण्ड से दण्डित किया था। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि मॉ की निर्मम हत्या यह साबित करता है कि ऐसे व्यक्ति में किसी भी प्रकार से मानवीय गुणों या सुधार का होना नितांत असंभव है। न्यायालय ने अपराध को क्ररतम, दुष्टतम और अक्षम्य मानते हुए मृत्युदण्ड की सजा से दण्डित किया था।
अभियोजन के अनुसार ग्राम सांकल थाना ठेमी निवासी आरोपी अशोक रजक ने 01 जनवरी 2017 को अपनी झुम्मकी बाई की फावड़े से गर्दन काट कर हत्या कर दिया था। बताया गया कि झुमकी बाई द्वारा दोपहर में सो रहे आरोपी को उठाये जाने पर वह आक्रोशित हो गया और यह कदम उठाया। मॉ की हत्या करने के बाद आरोपी ने मां के सिर व घड़ बाड़ी में फैंक दिये थे।
सं नाग
वार्ता
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