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किसान कर्जमाफी योजना बड़ा सहारा साबित हुयी है किसानों को

भोपाल, 04 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार की ओर से शुरू की गयी किसान कर्जमाफी योजना के क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के बीच राज्य के किसानों का मानना है कि यह योजना उनके जीवन के लिए बड़ा सहारा साबित हुयी है।
आज यहां जारी सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न अंचलों के किसानों से चर्चा में यह बात सामने आयी है। प्रदेश के छोटे किसान मानते हैं कि संकट के समय में सरकार की कर्ज माफी बहुत बड़ा सहारा साबित हुई है। कुछ किसान जय किसान फसल ऋण माफी योजना से वरदान के रूप में देखते हैं और मानते हैं कि यदि यह लागू नहीं होती तो थोड़े से कर्ज के कारण जीवन में संकट और गहरा हो जाता।
देवास जिले के तालोद गाँव के किसान अजाब सिंह बताते हैं कि उन्होंने सहकारी समिति जामगोद से 1 लाख 60 हजार रुपये का कर्ज लिया था। उन्हें चिंता थी कि कर्ज कैसे चुकेगा, इसी बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्ज माफी योजना की शुरुआत की और पूरा कर्जा माफ हो गया। देवास के ही हरनावदा गाँव के किसान कृपाल सिंह ने सहकारी समिति बुदलई से 78 हजार रुपये का कर्जा लिया था। उनकी फसल अच्छी नहीं हुई। वे कर्जा भी नहीं चुका पाये, लेकिन ऋण माफी की योजना से कर्ज के जाल में फंसने से बच गये। उनका दावा है कि सरकार ने हमें संकट से उबार लिया।
शाजापुर जिले की बड़ोदिया तहसील बिजाला गाँव के किसान गंगाराम ने 49 हजार रुपये का छोटा कर्जा लिया था, लेकिन कर्जा नहीं पटाने की चिंता बनी हुई थी। अब कर्जा माफ होने से वे दोबारा खेती की योजना बना रहे हैं। गंगा राम कहते हैं कि सरकार ने उन्हें और उनके परिवार को चिंता मुक्त कर दिया।
विंध्य अंचल के सिंगरौली जिले के रामरल्लू कहते हैं कि 1 लाख का कर्जा माफ हो गया है। सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया है। उनका कहना है कि उनके जैसे लाखों किसान छोटे-छोटे कर्जे में डूबे थे और वे कर्जे में ही आगे की योजनाएँ बना रहे थे। वे बताते हैं कि कई किसान भाई नया कर्जा लेने की सोच रहे थे, लेकिन परेशान थे कि जब तक पुराना नहीं चुकायेंगे तो नये कर्जे के लिये पात्र नहीं होंगे। अब सब खुश हैं। नये तरीके से और नये जोश के साथ खेती में लग गये हैं।
खरगोन जिले की गोगवां तहसील के बड़वाह में रहने वाले सोलंकी परिवार के सदस्य किसान पुराने कर्जे से परेशान थे। परिवार के सदस्य लखन पर 1 लाख 15 हजार का और दूसरे सदस्य रामचंद्र पर 88 हजार रुपये का कर्जा था। कर्जे के साथ जीना उन्हें बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था। अच्छी खेती नहीं होने और उत्पादन कम रहने के कारण कर्जा चुकाने में भी देर हो रही थी। अब पूरा सोलंकी परिवार सरकार के कर्जा माफी के कदम की तारीफ कर रहा है। लखन का कहना है कि कर्जमाफी के कदम से उनके परिवार पर आने वाला संकट टल गया।
बैतूल जिले के मुलताई के खनूगाँव के किसान गणेश सिंह इसीलिये खुश हैं कि उनका 61 हजार रुपये का कर्जा माफ हो गया। पास के ही मालेगाँव के किसान परमा विहारी बताते हैं कि कर्जा तो छोटा था, लेकिन दुख देने वाला था। परिवार के भरण-पोषण में पैसे खर्च हो जाने से कर्जा बना हुआ था। धीरे-धीरे 29 हजार रुपये का छोटा सा कर्जा बोझ बन गया। अब पूरी तरह से चिंता खतम हो गई है।
नाग
वार्ता
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