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दो अप्रैल के पहले ग्वालियर में प्रशासन सतर्क

ग्वालियर, 30 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में पिछले साल दो अप्रैल के दिन दलित आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन इस बार सतर्कता बनाये हुये हैं।
वहीं जिला प्रशासन अफवाह फैलाने वालों से सावधान करते हुए इंटरनेट सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
कलेक्टर अविनाश चौधरी , नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन और पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने आज संवाददाताओं से चर्चा के दौरान सभी वर्ग के लोगों से अपील की कि वे अफवाहें फैलाने वालों के बारे में तत्काल पुलिस को जानकारी दें। उन्होंने बताया कि महानगर में दो अप्रैल को होने वाले सभी वर्गों के कार्यक्रमों की अनुमति निरस्त कर दी गई है। वहीं लोकसभा चुनाव के चलते निषेधाज्ञा लागू है। इसी के साथ कुछ इनपुट के आधार पर सामाजिक वर्गों के संगठनों और उनके प्रभावशाली लोगों से बात कर समझाइश दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी भी असामाजिक संगठन या तत्व ने अप्रिय करने का प्रयास किया तो प्रशासन कडी कार्रवाई करेगा।
पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि ठाठीपुर थाना क्षेत्र को संवेदनशील जोन बनाकर एक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। पुलिस बल वहां लगातार निगरानी कर रहा है। साथ ही सीआरपीएफ और एसएएफ का बल भी तैनात कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि डबरा और भितरवार में भी लोगों से बातचीत कर पुलिस ने अपनी व्यवस्थाओं को चाकचौबंद कर लिया है। सोशल मीडिया पर भी कडी निगाह रखी जा रही है।
कलेक्टर अविनाश चौधरी ने बताया कि अभी तक 250 लोगों के खिलाफ धारा 110 के तहत कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि वह इंटरनेट सेवाओं पर भी एक दो दिन रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं की जायेंगी। किसी भी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर प्रतिमा आदि लगाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
पिछले साल दो अप्रैल को दलित आंदोलन के दौरान समूचे ग्वालियर-चंबल अंचल में हुई हिंसा में करीब आधा दर्जन से जयादा लोग मारे गए थे। इस वर्ष पुलिस-प्रशासन पहले से सतर्कता बनाये हैं।
सं गरिमा
वार्ता
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