भोपाल, 03 अप्रैल (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा है कि कमलनाथ सरकार ने सौ दिनों में कांग्रेस के 83 वचनों को पूरा कर लोगों का विश्वास प्राप्त किया है। इतने कम समय में जनता का विश्वास पाने वाले वे देश के पहले मुख्यमंत्री बन गये हैं।
कांग्रेस की यहां जारी विज्ञप्ति में श्री सलूजा ने कहा कि ये सभी फैसले लाखों किसानों, युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, अनुसूचित जाति-जनजातियों, व्यवसायियों, समाज के बहुसंख्यक वर्गों, गरीबों आदि को व्यापक लाभ पहुंचाने वाले हैं। पता नहीं भाजपा इन फैसलों को लेकर खुशी जाहिर क्यों नहीं कर पा रही है। सलूजा ने कहा कि जय किसान ऋण माफी योजना में 55 लाख किसानों का ऋण माफ किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक 23 लाख 48 हजार किसानों का कर्जा माफ हो चुका है। किसानों को दस हार्सपाॅवर तक सिंचाई पंपों के बिजली के बिल अब आधे लगेंगे। युवाओं को व्यवसायिक हुनर विकसित करने सरकार ने युवा स्वाभिमान योजना शुरू की है, जिसमें सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी गयी है। सरकारी नौकरियों में ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। सामान्य वर्ग के गरीबों को भी दस प्रतिशत आरक्षण दिया जायेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी तरह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन तीन सौ रूपये से बढ़ाकर छह सौ रूपये यानि दो गुनी कर दी गयी है। इंदिरा गृह ज्योति योजना में गरीबों को सौ यूनिट तक केवल सौ रूपये बिजली बिल भरना पड़ेगा। गुमाश्ता कानून में नवीनीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने से अब छोटे व्यापारियों और व्यवसाइयों को दुकानों के लाइसेंस का बार-बार नवीनीकरण नहीं कराना पड़ेगा।
श्री सलूजा ने कहा कि आशा सहयोगियों की प्रोत्साहन राशि 250 से बढ़ाकर 300 रूपये प्रति विजिट कर दी गयी है। सरकारी नौकरियों में रिक्त पड़े रिजर्व कैटेगरी के 60 हजार पदों पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की भर्तियां की जायेंगी। तेंदूपत्ता संग्रह करने वाले आदिवासियों को अब दो हजार की जगह ढाई हजार रूपये प्रति मानक बोरा भुगतान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी कमलनाथ सरकार में कई जनहितैषी कार्य किए हैं।
उन्होंने कहा कि ये सब ऐसे निर्णय हैं जो व्यापक जनहित के हैं और जिन्हें शिवराज सिंह अपने 15 साल के कार्यकाल में नहीं ले पाये। केवल घोषणाओं का रिकार्ड बनाते रहे और मध्यप्रदेश को किसानों की आत्महत्याओं, बेरोजगारी, महिला अत्याचार, कुपोषण, भ्रष्टाचार, अवैध उत्खनन में प्रदेश में नंबर वन बनाते रहे।