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छग के जशपुर में मिली 12वीं शताब्दी की विष्णु भगवान की प्रतिमा

पत्थलगांव 07 अप्रैल (वार्ता) छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के धरधरी गांव में 12 वीं शताब्दी की विष्णु प्रतिमा के अलावा लिखाआरा गांव में भी वर्षों पुराने शैल चित्रों के अवशेष मिले हैं।
जिला कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने आज “यूनीवार्ता” को बताया कि पूरातत्व महत्व के ऐसे स्थलों के संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है। इन स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
पुरातत्व विभाग के पर्यवेक्षक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि लिखाआरा गांव में इन अवशेषों का निरीक्षण के बाद पुरातत्व विभाग की टीम ने दो और शैलाश्रयों को भी खोज निकाला है। दूसरे शैलाश्रय से उन्हें मध्य-उत्तर पाषाण काल (करीब 10 हजार साल पहले) के अवशेष व टूल्स प्राप्त हुए। शैलाश्रय वह स्थान है जहां आदि मानव गुफा में रहते थे। ये टूल्स इस बात का प्रमाण हैं कि करीब 10 हजार साल पहले यहां मानव सभ्यता विद्यमान थी।
उन्होंने बताया कि इस सर्वे के दौरान टीम को धरधरी गांव में 12 वीं व 13 वीं शताब्दी की विष्णु भगवान की प्रतिमा भी मिली। साथ ही ग्राम बिरला में प्राचीन टीले पर करीब 14-15 वीं शताब्दी के शिवलिंग व पास ही स्थापत्य खंड के अवशेष मिले हैं। वहीं हर्राडीपा के ध्वस्त मंदिर के अवशेष उसे शैव धर्म के प्राचीन केंद्र के रुप में स्थापित करते हैं। अब इन सारे स्थलों को संरक्षित करने का प्रयास पुरातत्व विभाग करेगा।
उन्होंने बताया कि अगर इन स्थानों पर मनुष्यों का अधिक हस्तक्षेप होगा, तो इन प्रागेतिहासिक धरोहरों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए प्रयास यह हो कि लोगों की धार्मिक आस्था भी बनी रहे और इन स्थानों का कोई नुकसान भी न हो। इसके लिए व्यापक स्तर पर जनजागरुकता चलाने की जरुरत है। जिसमें सबकी सहभागिता हो। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व की बात है कि यहां हजारों सालों पहले से मानव सभ्यता और संस्कृति विद्यमान होने के अवशेष मिले है।
उन्होंने बताया कि सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर एक सप्ताह के अंदर शासन को दी जाएगी। उसके बाद इसके संरक्षण के लिए जो भी कदम उठाने की जरुरत होगी, उस पर अमल किया जायेगा ।
सं नाग
वार्ता
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