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कुशवाहा समाज ने शादी के लिए दूल्हे के घर में शौचालय की व्यवस्था अपरिहार्य की

बड़वानी, 05 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश के तीन जिलों में कुशवाहा समाज ने आगामी अक्षय तृतीया पर राजपुर में आयोजित सामूहिक विवाह के पंजीकरण के लिए दूल्हे के घर शौचालय की व्यवस्था होना अपरिहार्य कर दिया है।
राजपुर में 34 जोड़ों के विवाह आयोजन के अध्यक्ष गंगाराम भग्गर ने बताया कि कुशवाहा समाज के बड़वानी धार तथा खरगोन जिलों में 80 गांव है तथा इन गांव के लोग तीन अवसरों पर सामूहिक विवाह का आयोजन करते हैं। पहला अवसर खरगोन में बसंत पंचमी, दूसरा हनुमान जयंती के अवसर पर कसरावद (खरगोन जिला) तथा तीसरा सामूहिक विवाह बड़वानी जिले के राजपुर में अक्षय तृतीया पर किया जाता है।
श्री भग्गर ने बताया कि हमने इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान तथा अक्षय कुमार की फिल्म 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' से प्रभावित होकर निश्चय किया कि यदि दूल्हे के घर में शौचालय नहीं होगा तो उसका पंजीकरण विवाह के लिए नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके चलते कुछ फार्म निरस्त भी हुए, लेकिन महिला वर्ग के सम्मान से समझौता नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि शौचालय का प्रमाण पत्र नगर पालिका, नगर पंचायत अथवा पंचायत स्तर का ही मान्य किया गया। उन्होंने बताया प्रगतिशील कुशवाहा समाज में महिलाओं के लिए विशेष स्थान है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन समाज सुधारकों ने 1980 से समाज के सुचारू संचालन हेतु एक विशेष संविधान लागू किया है। उन्होंने बताया कि इस तरह के सामूहिक विवाहों का आयोजन 1982 से किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आगामी अक्षय तृतीया पर राजपुर में आयोजित होने वाले 34 जोड़ों के सामूहिक विवाह आयोजन के दौरान प्रत्येक जोड़े को एक फलदार वृक्ष का पौधा दिया जाएगा और उससे उसे रोप कर बढ़ाने की जिम्मेदारी की शपथ ली जाएगी।
सं बघेल
वार्ता
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