राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jun 1 2019 6:32PM दागने की प्रथा के खिलाफ जागरुकता कार्यक्रम आयोजित होंगेउमरिया, 01 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल उमरिया जिले में बच्चों को 'दागने' जैसे कष्ट देने वाली कुप्रथा से बचाने और जनजागरूकता लाने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से गांवों में चौपाल का आयोजन किया जाएगा।आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि जिले में आदिवासी बहुल गांवों में वर्तमान समय में भी नवजात या अन्य बच्चों को बीमारी से ग्रसित होने पर स्थानीय दाई द्वारा गरम कीलों से दागा जाता है। आदिवासी समुदाय में यह प्रथा वर्षों पुरानी है। बच्चों की बीमारी गंभीर हो जाती है, तब वे अस्पताल की ओर रुख करते हैं। इस तरह के अनेक मामले प्रकाश में आने पर जिला कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने ऐसे मामलों में सभी संबंधितों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। इस कुप्रथा की जानकारी राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण दिल्ली को होने पर उन्होंने अपना एक दल जिले में भेजा है, जो जिले के गांवों में जाकर ग्रामीणों के बीच चौपाल लगा रहा है। सं प्रशांतवार्ता