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नया भारत जातिवादी संप्रदायवादी अपीलों पर ध्यान देने का इच्छुक नहीं : भाजपा

नयी दिल्ली 04 जून (वार्ता) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होने की घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि उसने महीनों पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि सपा बसपा गठबंधन टूट जाएगा। नये भारत के लोग जातिवादी एवं संप्रदायवादी राजनीति के आह्वान सुनने के इच्छुक नहीं हैं।
भाजपा के प्रवक्ता जी वी एल नरसिंहराव ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिर्फ कामकाज, विकास एवं सकारात्मकता की राजनीति कर रहे हैं। ये पार्टियां उनका मुकाबला नहीं कर सकतीं हैं। उनकी सोच एवं नीतियां पुरानी पड़ चुकीं हैं और नये भारत में उत्तर प्रदेश के लोग जातिवादी एवं संप्रदायवादी राजनीति के आह्वान सुनने के इच्छुक नहीं हैं।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के साथ संबंधों को तोड़ने की घोषणा करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 सीटों के उपचुनावाें में अकेेले उतरेगी।
उन्होंने कहा कि सुश्री मायावती की इस घोषणा के बारे में हमने महीनों पहले ही कह दिया था। प्रधानमंत्री ने भी अपनी चुनावी रैलियों में कहा था कि यह गठबंधन राज्य के लोगों के लिए नहीं है बल्कि उनकी निजी राजनीति चमकाने के लिए हुआ है। उत्तर प्रदेश के लोगों ने इस आत्मकेन्द्रित गठबंधन को स्वीकार नहीं किया। यह गठबंधन प्रधानमंत्री श्री मोदी को उत्तर प्रदेश एवं देश में अच्छा काम करने से रोकने के लिए हुआ है।
सुश्री मायावती ने कहा कि कन्नौज एवं फिरोजागाद जैसे क्षेत्रों में एक समुदाय विशेष के पारंपरिक वोटों को एकजुट रखने में सपा की विफलता के कारण बसपा विधानसभा उपचुनावों में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार के लिए बाध्य हुई है।
श्री राव ने कहा कि यह पुरानी सोच ही उनकी दुर्दशा का कारण है।
सचिन सत्या
वार्ता
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