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प्रशासन की दृढ़ इच्छाशक्ति से बैतूल में जल संकट से निपटने मिली कामयाबी

बैतूल, 16 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के बैतूल नगर में प्रतिवर्ष मार्च माह से होने वाले पेयजल के संकट से निपटने के लिए जिला प्रशासन एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी की दृढ़ इच्छाशक्ति से इस वर्ष अच्छे परिणाम देखने को मिले। भीषण गर्मी के दौरान नगरपालिका ने लगातार पेयजल व्यवस्था बनाने का काम किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पेयजल संकट से निपटने शहर से 52 किलोमीटर दूर पारसडोह बांध से नगर को ताप्ती जल उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन को अच्छी कामयाबी मिली। इसके चलते भीषण गर्मी में भी नगर में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई। साथ ही पेयजल परिवहन पर खर्च की जाने वाली लगभग दो करोड़ की राशि की बचत भी हो सकी।
पारसडोह बांध से ताप्ती बैराज तक पानी लाना निश्चित ही एक कठिन काम था, लेकिन लगभग 25 सालों से प्रत्येक वर्ष दम तोड़ती ताप्ती की जलधारा को पारसडोह जैसे विशालकाय जलाशय के माध्यम से पानी प्रवाहित कर न केवल ताप्ती नदी को जीवंत किया, बल्कि शहर में 20 हजार नल कनेक्शनों के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख की आबादी तक नल जल योजना के माध्यम से भीषण गर्मी के दौरान ही पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रियंका सिंह बताती हैं कि बैतूल नगर को ग्रीष्मकाल के दौरान विगत वर्षों जैसी पेयजल संकट की स्थिति से निजात दिलाने के लिए नगरपालिका द्वारा पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सतत् काम किया गया। अमृत परियोजना के तहत न सिर्फ खेड़ीसांवलीगढ़ में निर्मित ताप्ती नदी पर बैराज कार्य को शीघ्रता से पूर्ण कराया गया, बल्कि खेड़ी से बैतूल तक पाइप लाइन बिछाने के कार्य को भी तत्परता से पूर्ण कराया गया। फलस्वरूप बैतूल नगर में पानी आना संभव हो सका।
सं बघेल
वार्ता
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