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राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


बस्तर में 600 साल से मनाई जा रही रथयात्रा

जगदलपुर, 02 जुलाई (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में करीब 600 साल से मनाई जा रही रथयात्रा पर्व को लेकर इस बार भी लोगों का उत्साह चरम पर है।
बस्तर में इस पर्व को गोंचा नाम से आयोजित किया जाता है। संभाग मुख्यालय जगदलपुर में आगामी चार जुलाई को ये पर्व मनाया जायेगा। इस पर्व में आरण्यक समाज के साथ आदिवासियों की भी प्रमुख भूमिका होती है जो गांव-गांव तुपकी की बंदूक लेकर चलते हैं।
पर्व आयोजन समिति अध्यक्ष वेद प्रकाश पाण्डे ने बताया कि भगवान जगन्नाथ का महापर्व रथयात्रा बस्तर में 610 साल से गोंचा के नाम से मनाया जा रहा है। पुरी की तरह यहां भी तीन रथों पर भगवान विराजते हैं। इनकी सलामी देने के लिए हजारों ग्रामीण तुपकी चलाते हैं।
उन्होंने बताया कि बस्तर महाराजा पुरुषोत्तम देव वर्ष 1408 में भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने पुरी गए थे। इस दौरान उन्हें मंदिर से रथपति की उपाधि मिली और उन्हें 16 पहियों वाला रथ भेंट किया गया। पुरी से प्राप्त 16 पहियों के रथ को ही बस्तर में तीन हिस्सों में बांटकर दशहरा और गोंचा के समय चलाया जाता है।
रथयात्रा के मौके पर यहां भी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुुभ्रदा के लिए पुरी में चलाए जाने वाले तीन रथों की तर्ज पर तीन रथों का संचालन होता है। इनमें कुल 22 मूर्तियों को विराजित किया जाता है।
करीम गरिमा
वार्ता
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