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छत्तीसगढ़ सरकार फीस निर्धारण के लिए बनायेंगी नियामक आयोग

रायपुर 18 जुलाई(वार्ता)छत्तीसगढ़ सरकार ने निजी स्कूलों में फीस की मनमानी बढ़ोत्तरी की शिकायतों के मद्देनजर 12वीं तक की फीस निर्धारण के लिए आयोग बनाने गठित करने का निर्णय लिया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डा.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विधानसभा में आज प्रश्नोत्तरकाल में भाजपा के रजनीश कुमार सिंह तथा अन्य सदस्यों के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के निजी स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए फीस नियामक आयोग गठित किए जाने की घोषणा की।उन्होने कहा कि शिक्षा कानून अधिकार कानून(आरटीई) के तहत केवल कक्षा आठ तक ही फीस निर्धारित किए जाने का ही प्रावधान है।
उन्होने कहा कि इसके लिए कमेटी के गठन का प्रकरण प्रक्रियाधीन है।कमेटी विभिन्न राज्यों का दौरा कर वहां की व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल करेंगी।विपक्ष के नेता धरम कौशिक ने निजी स्कूलों में मनमानी फीस बढाए जाने तथा किताब कापी एवं ड्रेस के लिए दुकाने निर्धारित किए जाने का उल्लेख करते हुए इस पर कार्रवाई की जानकारी मांगी।
इसी दौरान भाजपा सदस्य अजय चन्द्राकर ने एक मंत्री की जाति का उल्लेख कर दिया।इसका सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया,और नारेबाजी की।उन्होने चन्द्राकर से माफी मांगने की मांग की।अध्यक्ष डा.चरणदास महंत ने चन्द्राकर के कथन पर विशेषज्ञ राय के लिए जनता कांग्रेस सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को पुकारा।श्री जोगी ने कहा कि सदन में जातिसूचक शब्दों का प्रयोग गलत है।श्री चन्द्राकर काफी वरिष्ठ सदस्य है उन्हे अपने शब्द वापस लेना चाहिए।शब्द वापस लेने से कद कम होने की बजाय बढ़ता है।
श्री चन्द्राकर ने कहा कि वह व्यक्ति माफी के लिए कह रहे है जोकि बार बार सदन में इसका उल्लेख करते रहे है।वह सौ बार माफी मांग रहे है।सदन में जातिवाचक शब्दों का प्रयोग नही हो इसके लिए अध्यक्ष को स्थायी आदेश जारी करना चाहिए।
साहू
वार्ता
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