राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jul 20 2019 8:42PM श्वांस नली में केले के टुकड़े फंसने से ढाई वर्षीय बालिका की मृत्यु : सीएमएचओबड़वानी, 20 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में दस्तक अभियान के तहत खून चढ़ाने के उपरांत ढाई वर्षीय बालिका की मृत्यु होने की वजह श्वास नली में केले के टुकड़े फंसना बताया गया है।आज जिले के सेंधवा में आयोजित प्रेस वार्ता में बड़वानी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीबी जैन ने तीन चिकित्सकों के दलों द्वारा किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बताया कि ढाई वर्षीय बाखरली निवासी बालिका वैशाली की मृत्यु श्वास नली में केले के टुकड़े फस जाने के चलते श्वांस बन्द हो जाने की वजह से हुई है।उन्होंने बताया कि 17 जुलाई की रात्रि बालिका को लगतार चलाए जाने के उपरांत उल्टी हुई थी लेकिन उसे उपचार से स्वस्थ कर दिया गया था। उसके परिजन उसे अस्पताल प्रबंधन की इच्छा के विरुद्ध अपने घर ले गए थे जहां अगले दिन भोजन के साथ केले का सेवन करने के बाद नींद में ही उसकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल सेंधवा में खून चढ़ाए जाने के उपरांत कथित तौर पर बीमार हुआ एक अन्य बालक चंदन अब पूर्ण स्वस्थ है।सीएमएचओ ने बताया कि दस्तक अभियान के तहत पूरे जिले में अभी तक करीब 1000 बच्चों को समस्त आवश्यक परीक्षण के उपरांत खून चढ़ाया जा चुका है लेकिन कहीं भी किसी तरह की समस्या नहीं आई है।सिविल अस्पताल के स्टाफ तथा चिकित्सकों ने बालिका की मृत्यु के उपरांत जनप्रतिनिधियों द्वारा वहां आकर उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत भी की। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के हंगामे के चलते सिविल अस्पताल में लाए गए 84 बच्चों को खून नहीं चढ़ाया जा सका तथा उनके अभिभावक उन्हें वापिस ले गये। उल्लेखनीय है कि बाखरली निवासी सुनील ने कल एसडीएम सेंधवा को दिए आवेदन में शिकायत की थी कि सिविल अस्पताल में खून चढ़ाए जाने के बाद उसकी पुत्री वैशाली की स्थिति बिगड़ने लग गई और उसकी मृत्यु हो गई । उसने अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की भी मांग की थी।सं.व्यासवार्ता