Tuesday, Apr 23 2024 | Time 13:36 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण में मध्यप्रदेश के युवा वैज्ञानिक ने भी निभाई भूमिका

उमरिया, 23 जुलाई (वार्ता) भारतीय आंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण में मध्यप्रदेश के उमरिया जिला निवासी एक युवा वैज्ञानिक, जो इसरो के विक्रम साराभाई आंतरिक्ष केन्द्र तिरुवनंतपुरम केरल में पदस्थ हैं, उन्होंने ने भी इसके सफल प्रक्षेपण में अपनी भूमिका निभाई है।
वैज्ञानिक इंजीनियर प्रियांशु मिश्रा के पिता विनोद कुमार मिश्रा उमरिया जिले के चंदिया नगरीय क्षेत्र के वार्ड नं 10 के निवासी है और वर्तमान में वे कृषि कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि 33 वर्षीय प्रियांशु मिश्रा उनका इकलौता बेटा है और उसकी प्रारंभिक शिक्षा उनके दुग्ध विकास निगम में सुपरवाइजर के पद पर कार्य करते समय भोपाल मे हुई थी। उसके उपरांत बीटेक एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की देहरादून से की।
विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि उनके पुत्र प्रियांशु इसके बाद एमई स्पेस एडं राकेटरी ब्रांच की पढाई बीआईटीएम मेसरा रांची से पूरी करने के उपरांत वर्ष 2009 मे इसरो के बीएस एस सी तिरवानंतपुरम मे साइंटिस्ट वैज्ञानिक के पद पर पदस्थ है। श्री मिश्रा ने बताया कि वैज्ञानिक प्रियांशु 10 वर्ष की छोटी सी अवधि की नौकरी में चंद्रयान-1 के सफल प्रक्षेपण मे भी योगदान दिया था, जिस पर भारत सरकार ने उन्हें यंग साइंटिस्ट अवार्ड 2017 से नवाजा था।
उन्होंने बताया कि चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण को लेकर वैज्ञानिक प्रियांशु काफी तनाव मे थे, इस अवधि में 18 जुलाई को वो अपना जन्मदिन भी भूल गये थे। वैज्ञानिक प्रियांशु ने अपने कृषक पिता से चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण के उपरांत मोबाइल फोन पर बातें करते हुये बताया कि हम लोग काफी समय से इस अभियान मे काम कर रहे थे, इसमे लांच व्हीकल का जो ट्रीजीट्री होता है उसे मैने ही डिजाइन किया है, वहीं राकेट जो भेजा जाता है वो एक पर्टिकुलर पार्ट मे जाता है, उसे भी हमने ही डिजाइन किया है।
कृषक पिता और गृहिणी मां प्रतिभा मिश्रा के इकलौते बेटे का विवाह भोपाल में हुआ है और उसके दो बेटे भी है, उनकी इस सफलता पर वो और उनके साथ पूरा मध्यप्रदेश आज गर्व महसूस कर रहा है कि गांव के बेटे ने अपने हुनर और काबिलियत से चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण में वे सफल रहें हैं।
सं बघेल
वार्ता
image