राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jul 29 2019 12:23PM महाकाल में दिल्ली के कलाकार ने दी शिवताडंव की आकर्षक प्रस्तुतिउज्जैन, 29 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर में श्रावण महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली की एक कलाकार द्वारा शिवताडंव की आकर्षक प्रस्तुति दी गयी है।महाकालेश्वर परिसर में चल रहे श्रावण महोत्सव के तहत दूसरे सोमवार की पूर्व संध्या पर कल आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के तृतीय क्रम के कलाकार के रूप में दिल्ली की कविता ठाकुर की शिव ताडंव की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके पूर्व कथक नृत्य के माध्यम से बाबा महाकालेश्वर को नृत्यांजली प्रदान की। नृत्य प्रदर्शन का आरंभ राग मालकौंस में निबंद्ध बहुप्रचलित ध्रुपद ‘पूजन चली महादेव’ से किया। झपताल, एकताल व चैताल मे निबद्ध इस रचना ने उपस्थित दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया।तत्पश्चात लखनऊ घराने के परंपरागत शुद्ध कथक के अंतर्गत उठान, आमद, थाट, टुकडे, तिहाईयां, परमेलू, चक्करदार परण इत्यादि के साथ ही तत्कार के माध्यम से जाति पर आधारित छंद की चमत्कारिक प्रस्तुति दी गयी। मालवा के सुविख्यात पखावजी नाना पानसे घराने के प्रतिनिधि कलाकार दिव्येश कुमार महाराज ने पखावज पर चैताल प्रस्तुत की। इसके अलावा उज्जैन के ख्यातनाम कलासाधक डाॅ. रोहित चावरे ने अपने गायन का श्री गणेश राग जोग विलंबित एकताल में निबंद्ध विलंबित ख्याल से किया।इसके बोल थे काहे न करो ऐसो काज जो तुम हमको हितकारी...। इसी राग में मध्यलय तीनताल में निबंद्ध आगरा घराने के उस्ताद फैयाज खाॅ रचित बंदिश साजन मोरे घर आये..... की प्रस्तुति के बाद इसी राग में विभिन्न प्रकार के आलाप, ताने, बोलतान, स्वरतान एवं विभिन्न मात्रा से ली गई तिहाईयों प्रभावोत्पादक गायन किया।द्वितीय क्रम के कलाकार दिव्येश कुमार महाराज ने अपने पखावज वादन का आरंभ महाकाल स्तुति परण से किया। उसके बाद विलंबित लय में नाना पानसे घराने के परंपरागत बोलों का प्रस्तुतिकरण करते हुए ठेका, ठेके के प्रकार, चक्करदार , एक हत्थी (हाथ) लयकारी का कलात्मक वादन किया।सं बघेल वार्ता