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बस्तर में एक सप्ताह बाद फिर बाढ़ के हालात

जगदलपुर, 02 अगस्त (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक सप्ताह बाद ही फिर बाढ़ के हालात बन गये हैं। पिछले दो दिनों से निंरतर हो रही मूसलाधार बारिश से नदी नालों में उफान के चलते बीजापुर एवं सुकमा जिला मुख्यालय का सैकड़ों गांवों से सड़क संपर्क विच्छेद हो गया है।

सुकमा से ओडिशा को जोड़ने वाले मार्ग में बरसाती नाले के पुल से 3 फीट ऊपर पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है। इधर बीजापुर जिला मुख्यालय का तेलंंगाना एवं ओडिशा से सड़क यातायात अवरूद्ध हो गया है।
सुकमा कलेक्टर चंदन कश्यप ने बताया कि शबरी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, हालांकि वर्तमान में खतरे के निशान से चार मीटर कम है। खतरे का निशान 14 मीटर है। एहतियात के तौर पर सबको एलर्ट कर दिया गया है। राहत शिविर जगह-जगह खोले गए हैं, साथ ही कोंटा स्थित गोदावरी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार आधी रात के बाद खतरे के निशान के करीब गोदावरी नदी का जल स्तर बढ़ेगा ।अगर गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचेगा तो शबरी नदी का जलस्तर भी बढ़ेगा। सुकमा में लगातार हो रही बरसात से तुगल बांध में अचानक आए पानी से निचली बस्तियों के कई घरों में पानी घुसा है। मेट्रिक छात्रावास के बच्चे भी पानी में फंसे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में भी पानी घुस गया है। शबरी नदी में जलस्तर बढ़ने से 50 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है।
इसी प्रकार बीजापुर जिला मुख्यालय का बासागुड़ा, मिरतूर, फरसेगढ़, चेरपाल, तारलागुड़ा से संपर्क कट गया है। इन इलाकों के सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। बीजापुर जिले की बड़ी नदियां तालेपरू एवं मिंगाचल उफान पर हैं। मलगेर नदी आई बाढ़ की वजह से 10 पंचायतों का संपर्क विच्छेद हो गया है।
करीम.व्यास
वार्ता
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