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मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद निर्णय दो अंतिम भोपाल

मंत्रि-परिषद ने राज्य के जलाशयों की जल भंडारण क्षमता की पुनर्स्थापन नीति स्वीकृति की। नीति के तहत जलाशयों की जल भंडारण क्षमता की पुनर्स्थापना, जलाशय से प्राप्त गाद को कृषकों को प्रदाय कर खेतों की उर्वर क्षमता में वृद्धि, नदियों के पारिस्थितिकीय तंत्र का संरक्षण, गाद/गाद मिश्रित रेत के उपौत्पाद का व्यवस्थापन और बांध/जलाशयों के संधारण के लिए राजकोष पर भार बिना निधि की व्यवस्था करना शामिल है।
इसमें जिला जबलपुर की रानी अवंतीबाई सागर परियोजना, होशंगाबाद की तवा, खण्डवा की इन्दिरा सागर और शहडोल की बाणसागर परियोजना को शामिल किया गया। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सिंचाई जल उपयोग दक्षता के उपयुक्त दोहन के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक योजना की निरंतरता का अनुमोदन प्रदान किया।
इसमें केन्द्रांश राशि 148 करोड़ 20 लाख रूपये तथा राज्यांश राशि 98 करोड़ 80 लाख रूपये कुल राशि 247 करोड़ का अनुमोदन दिया गया है। मंत्रि-परिषद ने पन्द्रहवी विधानसभा के सदस्यों को लेपटॉप/कम्प्यूटर क्रय करने पर 50 हजार रूपये तक का अनुदान देने की मंजूरी दी। चौदहवीं विधानसभा के सदस्यों को लेपटॉप/कम्प्यूटर क्रय करने पर शासन द्वारा 35 हजार तक का अनुदान दिया जाता था।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम में महाप्रबंधक के एक पद की भर्ती को स्थगित रखते हुए अपर प्रबंध संचालक के एक नये पद की स्वीकृति इस आधार पर दी कि उक्त पद की पूर्ति भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति के माध्यम से की जाये। मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग की सूची से सरल क्रमाँक 57 पर अंकित कोटवार जाति को विलोपित करने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने राज्य की दीर्घकालीन विद्युत की मांग को दृष्टिगत रखते हुए एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डिजाईन बिल्ड फायनेंस ओन एंड आपरेट (डीबीएफओओ) के लिए जारी मॉडल बिडिंग दस्तावेजों (एम.बी.डी.) के आधार पर 2640 मेगावाट विद्युत क्रय प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर करने के लिए आगामी कार्यवाही करने का निर्णय लिया। प्रथम चरण में 1320 मेगावाट और द्वितीय चरण में शेष 1320 मेगावाट विद्युत क्रय किया जायेगा।
यह निर्णय भी लिया गया कि नवीन परियोजना की स्थापना मध्यप्रदेश में होने से राज्य को होने वाले संभावित राजस्व लाभ एवं अतिरिक्त रोजगार के दृष्टिगत, विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 6 मार्च 2019 को डीबीएफओओ के लिए जारी एम.बी.डी. में इस आशय के संशोधन किए जायें कि नई परियोजनाएँ मध्यप्रदेश की सीमा में ही स्थापित की जायेंगी। एम.बी.डी. में संशोधन के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग से अनुमोदन प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।
बघेल
वार्ता
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