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मध्यप्रदेश में 374 मीट्रिक टन ई-वेस्ट का निष्पादन

भोपाल, 20 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश में अब तक करीब 374 मीट्रिक टन ई-वेस्ट का वैज्ञानिक पद्धति से निष्पादन किया गया है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक ये कार्य आठ कलेक्शन सेन्टर, एक रिसाईक्लर और एक मेन्युफैक्चर के माध्यम से किया जा रहा है। ई-वेस्ट में कम्प्यूटर्स, लेपटाॅप, टेलीविजन सेट, डीवीडी प्लेयर्स, मोबाइल फोन, सीएफएल आदि इलेक्ट्रानिक सामान शामिल हैं।
प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम में ई-वेस्ट प्रबंधन नियम लागू है। इस नियम का उद्देश्य इलेक्ट्रानिक्स अपशिष्ट को वैज्ञानिक तकनीक से नष्ट किया जाना है। नियम में प्रत्येक ई-वेस्ट का निष्पादन केवल केन्द्रीय अथवा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पंजीकृत रिसाईक्लर्स के माध्यम से ही किये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ई-वेस्ट निष्पादन के लिये कार्यशालाओं के माध्यम से नवीन वैज्ञानिक पद्धतियों की जानकारी नियमित रूप से दी जा रही है।
प्रदेश में जैव चिकित्सा अपशिष्ट के प्रबंधन का कार्य वैज्ञानिक पद्धति से किया जा रहा है। इन अपशिष्टों को चार श्रेणियों में बाँटा गया है। उनके उपचार की विभिन्न पद्धतियाँ जैसे इन्सीरिनेशन, आटोक्लेविंग, माइक्रोवेविंग रासायनिक उपचार, कटिंग, थ्रेडिंग तथा भूमि में गहरा गाड़ना आदि विकल्प के रूप में हैं।
आबादी वाले क्षेत्रों के चिकित्सालय और निजी नर्सिंग होम के लिये जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम प्रभावशील हैं। इसके मुताबिक शहरी क्षेत्रों में भस्मक विधि पर आधारित अपशिष्ट निपटान व्यवस्था अनिवार्य है। नियमों के पालन के लिये वर्तमान में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सतना, रतलाम, सीहोर, उमरिया, ग्वालियर, अशोकनगर एवं सिवनी जिलों में निजी क्षेत्र के कॉमन इन्सीनेटर सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय इन सेन्टर्स की निगरानी कर रहे हैं।
गरिमा
वार्ता
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