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अनुसूचित जाति वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में मिले योजनाओं का लाभ

भोपाल,05 सितंबर (वार्ता) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ.रामशंकर कथेरिया ने कहा है कि केन्द्र और राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण और विकास के लिए संचालित योजनाओं का लाभ उनकी जनसंख्या के अनुपात में उन्हें मिले, यह सुनिश्चित करना हम सबका दायित्व है।
श्री कथेरिया प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की मंत्रालय में समीक्षा करतें हुये कहा कि
संविधान की भावना के अनुरूप इस व्यवस्था को बेहतर तरीके से मूर्त रूप देने के लिए मैदानी शासकीय अमले का कमजोर तबकों के प्रति अधिक संवेदनशील होना आवश्यक है।
समीक्षा बैठक में महिला साक्षरता, प्राथमिक तथा माध्यमिक शाला स्तर पर विद्यार्थियों का नामांकन, शाला में ठहराव, शिक्षा की गुणवत्ता, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्‍मान भारत योजना, मुद्रा और स्टेंडअप इण्डिया योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधित्व के बारे में जानकारी दी गई। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित छात्रावासों, केन्द्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं, सीवेज सफाई में मानव श्रम के उपयोग के नियमन, मनरेगा तथा शासकीय सेवाओं में अनुसूचित जाति वर्ग के प्रतिनिधित्व और पदोन्नति की स्थिति के बारे में भी विस्तृत चर्चा हुई।
आयोग ने महिला साक्षरता की स्थिति में सुधार लाने और शालाओं में विद्यार्थियों के नामांकन को प्रोत्साहित करने के लिए जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रर से चाईल्ड ट्रेकिंग सिस्टम को जोड़कर नामांकन के लिए अभियान चलाने का सुझाव दिया। आयोग को प्रदेश में आरंभ ज्ञानोदय विद्यालयों से शिक्षा की गुणवत्ता में आए सुधार से अवगत कराया गया। राज्य शासन ने अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग, एकीकृत बाल विकास योजना तथा कमजोर तबकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के लिए केन्द्र से जारी हो रही राशि पर आयोग से पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
विश्वकर्मा
वार्ता
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