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अंतागढ़ वॉयस सैंपल मामले में सुनवाई अब 16 सितम्बर को

रायपुर 12 सितम्बर (वार्ता) छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित अंतागढ़ टेपकांड प्रकरण में आरोपियों से वॉयस सैंपल लेने सम्बन्धी मामले की सुनवाई अब 16 सितम्बर को होगी।
अंतागढ़ टेपकांड प्रकरण में अभ्यर्थियों का वॉयस सैंपल लेने के लिए इस मामले की जांच कर रही एसआईटी द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर में याचिका लगाई हुई है। इस याचिका पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक अमित जोगी की ओर से उनके वकील ने श्री जोगी की तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाए जाने के लिए आवेदन किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 सितम्बर की तारीख तय की है।
अंतागढ़ टेपकांड प्रकरण में अमित जोगी के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, तात्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के दामाद डा.पुनीत गुप्ता, मंतूराम पवार को अभियुक्त बनाया गया है। हालांकि इन अभियुक्तों में मंतूराम पवार ने कुछ दिनों पूर्व ही धारा 164 के तहत न्यायाधीश के समक्ष अंतागढ़ प्रत्याशी खरीद-फरोख्त प्रकरण में शपथ पत्र पेश किया है जिसमें उन्होंने कई बड़े खुलासे किए है। मंतूराम पवार के इस खुलासे के बाद अंतागढ़ टेपकांड प्रकरण में उनकी ओर से कोर्ट में पैरवी कर रहे वकील ने आज पॉवर ऑफ अटॉर्नी वापस ले ली है। अब वे मंतूराम का केस नहीं लड़ेंगे।
उल्लेखनीय हो कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद अंतागढ़ विधानसभा का उपचुनाव हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी बनाए गए मंतूराम पवार ने ऐसे वक्त पर अपना नाम वापस ले लिया था जब कांग्रेस दूसरा प्रत्याशी खड़ा नहीं कर सकती थी। इसके बाद एक टेप सामने आया था जिसमें पैसों की लेनदेन कर नाम वापसी की बात कही गई थी। चूंकि ये मामला पूर्व भाजपा शासनकाल के समय का था। 2018 में जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस सरकार ने इस टेपकांड की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। एसआईटी गठन के बाद कांग्रेस नेत्री व रायपुर की पूर्व महापौर डा. किरणमयी नायक की शिकायत पर रायपुर पुलिस ने अजीत जोगी, अमित जोगी, डा. पुनीत गुप्ता, मंतूराम पवार को अभियुक्त बनाया और सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
एसआईटी द्वारा इस मामले में जब आरोपियों से वॉयस सैंपल लेना चाहा तो सभी ने वॉयस सैंपल देने से इंकार कर दिया।आरोपियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बिना वॉयस सैंपल नहीं लिया जा सकता है। आरोपी पक्ष द्वारा वॉयस सैंपल देने से इंकार करने के बाद एसआईटी ने इसे लेकर अदालत में याचिका लगाई हुई है।
लक्ष्मण.साहू
वार्ता
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