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समाज को साइबर क्राइम से बचाने जागरुक होने की जरूरत: सिंह

भोपाल, 12 सितंबर (वार्ता) मध्‍यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने आज कहा कि समाज को सायबर क्राइम से बचाने के लिए बच्‍चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी जागरूक करने की जरूरत है।
श्री सिंह ने सायबर क्राइम इंवेस्टीगेशन एवं इंटेलीजेंस समिट के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश के अन्‍य राज्यों के लिए सायबर गुरू की भूमिका निभा रहा है। उन्‍होंने कहा कि ‘सायबर क्राइम इंवेस्टीगेशन एवं इंटेलीजेंस समिट’ का आयो‍जन मध्‍यप्रदेश पुलिस द्वारा सॉफ्ट क्लिक फाउंडेशन, यूनीसेफ व क्‍लीयर ट्रेल कम्‍यूनिकेशन एनालिटिक्‍स के सहयोग से किया जा रहा है। समिट में देश एवं दुनिया के विख्‍यात सायबर क्राइम व इंटेलीजेंस विशेषज्ञों द्वारा सायबर क्राइम रोकथाम की बारीकियाँ बताईं जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह समिट विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ सायबर अपराध को रोकने एवं पुलिस अधिकारियों की कार्य क्षमता को बढ़ाये जाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। इसमें विभिन्‍न राज्‍यों के पुलिस अधीक्षक से लेकर निरीक्षक स्‍तर तक के अधिकारी शिरकत कर रहे हैं।
समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक श्री सिंह ने कहा कि इंटरनेट की सुलभता और मोबाईल फोन के बढ़ते हुए उपयोग की वजह से संपर्क सुविधाओं में क्रांतिकारी विस्‍तार हुआ है। साथ ही इससे राष्‍ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक अपराध एवं महिलाओं व बच्‍चों के प्रति अपराधिक गतिवि‍धियां जैसी चुनौती भी सामने आई हैं। इस प्रकार के सेमीनार सायबर क्राइम रोकने में कारगर साबित होंगे।
उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की सेमीनार में आए सायबर एवं सूचना-प्रोद्योगिकी विशेषज्ञों द्वारा पुलिस अधिकारियों को सायबर क्राइम से निपटने के नए-नए गुर बताए जाएंगे। साथ ही कहा इस प्रकार के सेमीनार अन्‍य पुलिस अकादमियों में भी आयोजित किए जाएं।
विशेष पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण संजय राणा ने कहा कि समिट में राष्‍ट्रीय सुरक्षा मानकों के आधार पर खासतौर पर महिला एवं बच्‍चों के प्रति होने वाले सायबर अपराधों के विश्‍लेषण और साक्ष्‍यों के प्रस्‍तुतिकरण के गुर पुलिस अधिकारियों को सिखाए जाएंगे। इससे न्‍यायलय में सायबर अपराध सिद्ध हो सकेंगे।
यूनीसेफ के वरिष्‍ठ प्रति‍निधि माइकल स्‍टीवन जूमा ने कहा कि हम सबके लिए यह बड़ी चुनौती है कि बच्‍चे सायबर बुलिंग के तो शिकार हो ही रहे हैं अपितु कुछ बच्‍चे भी सायबर बुलिंग की राह पकड़ रहे हैं। इस पर जागरूकता के जरिए ही अंकुश संभव है। उन्‍होंने चाइल्‍ड पोर्नोग्राफी को ब्‍लाक करने व हटाने के लिए प्‍लेटफार्म विकसित करने की आवश्‍यकता जताई।
स्विटजरलैंड की आई इंटेलीजेंस संस्‍था से जुड़े व्‍याटेनीस बेनेटिस ने कहा कि सायबर क्राइम रोकने के लिए विश्‍वव्‍यापी सतत् संवाद जरूरी है। जिससे एक दूसरे से तकनीकी सहायता मिल सके। साथ ही अपने-अपने देश के कानूनी प्रावधानों के अनुसार सायबर क्राइम रोके जा सकें।
उद्घाटन सत्र में पुलिस अकादमी भौंरी के निदेशक के.टी.वाईफे ने स्‍वागत उद्बोधन दिया। क्‍लीयर ट्रेल संस्‍था के वाईस प्रेसीडेंट मनोहर कटोच एवं सॉफ्ट क्लिक फांउडेशन के प्रतिनिधि संजय शर्मा ने भी विचार व्‍यक्‍त किए। इस अवसर पर विशेष पुलिस महानिदेशक सायबर पुरषोत्‍तम शर्मा व अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक अनुराधा शंकर एवं अन्‍य पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
‘महिलाओं और बच्चों के ऑनलाइन दुर्व्यवहार से संबंधित चिंताएँ’ विषय पर हुई चर्चा में विशेष पुलिस महानिदेशक सायबर पुरषोत्‍तम शर्मा, टाटा इंस्‍टीट्यूट ऑफ सोशल साईंस की एसो.प्रोफेसर डॉ.रूचि सिन्‍हा व यूनीसेफ के वरिष्‍ठ प्रतिनिधि माइकल एस. जूमा ने हिस्‍सा लिया। यूपीआई से संबंधित भुगतानों की सुरक्षा एवं धोखाधड़ी से संबंधित विषय पर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के चीफ रिस्‍क मेनेजमेंट भारत पांचाल ने प्रकाश डाला। सेमीनार के पहले दिन ''सोशल मी‍डिया डाटा संग्रहण एवं वीजुअल विश्‍लेशण'' पर क्‍लीयर ट्रेल टेक्‍नालॉजी के प्रतिनिधि गौरव गुप्‍ता व आकाश व्‍यास ने जानकारी दी।
समिट में मध्‍यप्रदेश सहित आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, तेलगांना,कर्नाटक, महाराष्‍ट्र, पश्चिम बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, मणिपुर, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, उत्‍तरप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, राजस्‍थान, दिल्‍ली, पंजाब, हरियाणा व सिक्किम इत्‍यादी राज्‍यों सहित केन्‍द्रीय एजेंसी एनसीआरबी व सीएपीटी के पुलिस अधिकारी भाग ले रहे हैं।
बघेल
वार्ता
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