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वित्‍तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए अधिनियमों का सतत् अध्‍ययन जरूरी-गुप्ता

भोपाल, 27‍ सितंबर (वार्ता) विशेष पुलिस महानिदेशक पुलिस सुधार एम.एस.गुप्‍ता ने कहा कि वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए पुलिस अधिकारियों को अधिनियमों का सतत् एवं गहन अध्‍ययन करना होगा। इसके लिए पुलिस मुख्‍यालय की पुलिस सुधार शाखा द्वारा भी अनुशंसाएँ जारी की जाएँगी।
श्री गुप्ता आज यहां ''वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराध'' विषय पर आयोजित हुई राज्‍य स्‍तरीय प्रशिक्षण सह सेमीनार के समापन सत्र में यह बात कही। सेमीनार में प्रदेश भर से आए उप निरीक्षक से लेकर अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक स्‍तर के पुलिस अधिकारियों ने ''वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराधों से निपटने की बारीकियाँ सीखीं।
सेमीनार के आखिरी दिन विशेष पु‍लिस महानिदेशक एवं संचालक लोक अभियोजन राजेन्‍द्र कुमार, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक कॉपरेटिव फ्रॉड डॉ राजेन्‍द्र मिश्रा, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक रिसर्च एंड डेवलपमेंट पुलिस मैन्‍युअल बी.बी.शर्मा व आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्‍ठ के विधि अधिकारी पी.सी.गुप्‍ता सहित अन्‍य विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराधों की बेहतर विवेचना करने के गुर सिखाए।
अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक कॉपरेटिव फ्रॉड डॉ राजेन्‍द्र मिश्रा ने कहा वित्‍तीय एवं सहकारिता से संबंधित धोखाधड़ी के अपराध गंभीर श्रेणी के होते हैं। इन अपराधों से निपटने के लिए जिला पुलिस बल के अधिकारियों को केन्द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो के अधिकारियों की तरह अपनी दक्षता विकसित करनी होगी। तभी ऐसे अपराधों का उन्‍मूलन तेजी से किया जा सकेगा।
अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक आर एंड डी पुलिस मैन्‍युअल बी.बी.शर्मा ने कहा कि पुलिस के विवेचना अधिकारी यदि कानून में पारंगत होंगे तो कनविक्‍सन (दोष सिद्धि ) की दर भी बढेगी।
आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्‍ठ के विधि अधिकारी पी.सी.गुप्‍ता ने कहा कि विवेचना अधिकारियों की अक्‍सर यह शिकायत रहती है कि उन्‍हें वित्‍तीय अपराध से संबंधित दस्‍तावेज मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। मगर इसका समाधान विवेचना अधिकारी भारतीय दंड संहिता का उपयोग कर स्‍वयं कर सकते हैं।
सेमीनार के आखिरी दिन अपेक्‍स बैंक व अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थाओं के अधिकारी, आर.एफ.एस.एल., सीबीआई, तथा अन्‍य विधि विशेषज्ञों ने भी उपयोगी जानकारी दी। तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को 6 समूहों में बाँटकर ग्रुप टास्‍क दिया गया। जिनमें गैर बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थान, चिटफंड कंपनी, सूदखोरी अपराध, सहकारी संस्‍थाओं संबंधी अपराध, काला धन एवं बैंकिंग धोखाधड़ी शामिल थे।
नाग
वार्ता
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